पटाखों से बनाएं दूरी, गरीब लोगों को दें खुशियों के उपहार
पटाखों से पर्यावरण दूषित होता है। यह सभी जानते हैं, बावजूद इसके शायद ही कोई शख्स हो जो दीवाली पर पटाखे न चलाता हो। किसी न किसी बहाने लोग पर्यावरण की परवाह किए बगैर अपनी मनमर्जी कर डालते हैं। हालांकि इस बार ऐसा नहीं है, क्योंकि जहां लोगों ने पटाखे फोड़ने की जगह जरूरतमंदों की मदद का संकल्प लिया है। वहीं महिलाओं ने भी घर में चाइनीज झालरों की जगह मिट्टी के दिए जलाने की बात कही है। लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कम से कम आतिशबाजी छोड़ते हुए लोगों को उपहार देने की बात कही है। क्या कहते हैं लोग
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
दीपावली का पावन पर्व लोग हर्षोल्लास से मनाते हैं। इसके अलावा इस पर्व पर पटाखों से पर्यावरण को प्रदूषित भी करते हैं। हालांकि इस वर्ष कुछ लोगों ने पटाखे फोड़ने के बजाय जरूरतमंद लोगों की मदद करने का संकल्प लिया है। वहीं महिलाओं ने भी घर में चाइनीज झालरों की जगह मिट्टी के दिए जलाने का निश्चय किया है। इन लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार पटाखों का कम से कम प्रयोग कर अपने परिचितों और जरूरतमंद लोगों को उपहार देने का आह्वान किया है। -क्या कहते हैं लोग
दीवाली पर लोगों को पटाखे नहीं फोड़ने चाहिए। बढ़ते प्रदूषण को रोकते हुए अपनी अगली पीढ़ी को बीमारियों से बचाने के बारे में सोचना चाहिए। इसलिए कम से कम पटाखे चलाते हुए एक-दूसरे से मिलकर दीवाली की बधाई दें। परिचितों को उपहार दें और जरूरतमंदों की मदद करें। आतिशबाजी और नशे से इस पर्व पर दूर रहें। -सरदार बब्बू ¨सह
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दीवाली पर्व पर जरूरी है कि लोग आतिशबाजी चलाते समय पहले अपना ध्यान रखें। वहीं नगर को स्वच्छ बनाने के लिए हर संभव कोशिश करें। जरूरतमंद लोगों को उपहार देकर दिवाली उन्हीं लोगों के साथ मनाएं। खुशियां बांटने से बढ़ती हैं। पर्यावरण को प्रदूषित करने से हम अगली पीढि़यों के लिए ही समस्या खड़ी करेंगे। -मदन पाल ¨सह
--------------- चाइनीज झालरों की जगह अगर दीपक जलाएंगे तो उजियारा भी होगा और वातावरण भी शुद्ध होगा। क्षेत्र के लोगों को भी चाहिए कि पूजा-पाठ के बाद कम क्षमता वाले पटाखे ही चलाएं। जो धन पटाखों पर गवां रहे हैं, उसे मिठाई, कपड़े या अन्य कोई उपहार खरीदकर ऐसे व्यक्ति को दें, जिसकी इसकी जरूरत हो। इससे त्योहार की खुशी तो दोगुनी हो ही जाएगी, साथ ही मन को भी काफी संतोष मिलेगा।-राम गोपाल ¨सह
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ईको फ्रैंडली दिवाली मनाएं। इसके लिए कम धुआं और कम आवाज वाले पटाखे ही चलाएं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार निर्धारित समय में ही कम से कम आतिशबाजी चलाकर मिसाल कायम करें। लोगों को बताएं कि हमारे जिले की जनता पर्यावरण संरक्षण के लिए काफी जागरूक है। गरीब लोगों को उपहार बांटें और विद्युत उपकरणों के बजाय घरों में दीपक जला कर रोशनी करें। -मोहित कुमार