कूड़ा हुई करोड़ों की लाइट, फिर नयीं खरीदकर लगाईं
शुभम गोयल, हापुड़ नगर पालिका पर भ्रष्टाचार के आरोप यूं ही नहीं लगते है। अधिकारियों क
शुभम गोयल, हापुड़
नगर पालिका पर भ्रष्टाचार के आरोप यूं ही नहीं लगते है। अधिकारियों के कारनामे ही ऐसे है कि सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग होता है। करोड़ों की लाइटों को पहले कूड़े में तब्दील कर दिया गया और फिर से करोड़ों की लाइट खरीदीं गई हैं। सब कुछ जानकारी होने के बाद भी उच्च अधिकारी मौन धारण किए हुए हैं।
शहर में फैंसी लाइट लगाकर सड़कों को सुंदर बनाने की तमाम बातें की जाती है, लेकिन इन बातों के पीछे सरकारी रुपये को जेब में दबाया जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर प्रकाश में आया है। कई साल पहले नगर पालिका ने रेलवे रोड पर डिवाइडर पर फैंसी लाइट लगाई थीं। ये कुछ दिन ही चली और इसके बाद बंद हो गई। इसके बाद चेयरमैन बदलीं तो उन्होंने उन लाइटों को उतरवाकर दूसरी लाइट लगवा दी, कुछ यही हाल इन लाइटों का भी हुआ।
कई बार फैंसी लाइट लगाई गई और इन्हें उतरवाकर दूसरी लाइट लगवाई गई है। बार-बार यही कहानी दोहराई जाती है, लेकिन पूछने वाला कोई नहीं की। पुरानी लाइटों का आखिर क्या हो रहा है। जब लाइट लगवाई गई और खराब हुई तो इन्हें वारंटी के तहत क्यों नहीं बदलवाया गया। हर बार लाखों रुपये की लाइट खरीदकर कुछ समय बाद बदला जा रहा है। ऐसे में सरकारी धन को किस प्रकार बर्बाद किया जा रहा है। इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं है।
नई फैंसी लाइट अब तक नहीं जली : पालिका अधिकारियों ने अब पूरे शहर में फैंसी लाइट लगवाई है। करोड़ों रुपये की लाइट पुरानी और खराब बताकर नगर पालिका में डाल दी गई है। जिसके चलते करोड़ों की रकम बर्बाद हो रही है।
पहले बदली जानी है स्ट्रीट लाइट : सरकार के सख्त आदेश हैं कि बिजली बचाने की योजना के तहत सबसे पहले स्ट्रीट लाइटों को बदलकर एलईडी लाइट में तब्दील किया जाए। करीब तीन हजार स्ट्रीट लाइट आज भी लगी हुई है। जिन्हें पहले बदला जाना चाहिए। मंडलायुक्त स्वयं बैठक में इसको लेकर आदेश देकर गए थे। बावजूद इसके आदेश की अनदेखी की गई और पहले फैंसी लाइट लगवा दी गई। जबकि शहर में आज भी कई ऐसे मोहल्ले है, जहां रात में अंधेरा पसरा रहता है।
पुरानी लाइटों के बारे में जानकारी नहीं है। जो नई फैंसी लाइट लगवाई जा रही हैं, वे बेहद अच्छी हैं और इनमें एलइडी बल्ब लगे हुए हैं। जो बिजली की कम खपत करते हैं। जल्दी ही इन्हें चालू करवा दिया जाएगा। स्ट्रीट लाइटों को बदलने के लिए अलग से जल्द टेंडर निकालेंगे।
जितेंद्र कुमार आनंद, अधिशासी अधिकारी