Lockdown-4: छूट के बाद कंट्रोल रूम में गिर रहा शिकायतों का ग्राफ
पहले रोजाना कलक्ट्रेट स्थित कंट्रोल रूम में आ रही थीं 120 से 150 शिकायतें। अब 30 से 50 पर सिमटी शिकायतों की संख्या फटाफट हो रहा है निस्तारण। 26 मई तक आईं कुल 7990 शिकायतें।
हापुड़, जागरण संवाददाता। लॉकडाउन-4.0 में शासन-प्रशासन से कुछ रियायतें मिलने के बाद कलक्ट्रेट में स्थापित कंट्रोल रूम में शिकायतों का ग्राफ भी गिरने लगा है। पहले जहां रोजाना 120 से 150 शिकायतें आ रही थीं, वहीं अब उनकी एक दिन की संख्या 30 से 50 के बीच सिमटकर रह गई है। कंट्रोल रूम स्थापित हो से 26 मई तक कुल 7990 शिकायतें आईं, जिनमें से 93 फीसदी शिकायतें राशन व भोजन के लिए थीं।
22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद जिलाधिकारी अदिति सिंह ने कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया था। जिसमें अफसर और कर्मचारियों की शिफ्टवार ड्यूटी लगाई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मुसीबत में फंसे लोगों की सूचना मिलने पर फौरन मदद पहुंचाना है। 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कंट्रोल रूम का नंबर घुमाया और मदद की गुहार लगाई। कंट्रोल रूम में सूचना मिलते ही सरकारी कर्मचारी मदद के लिए पहुंचे। तब से 26 मई तक कंट्रोल रूम में 7990 शिकायतें आईं। जिनमें से 7416 शिकायतें राशन व भोजन की थीं। लॉकडाउन-1 अौर लॉकडाउन-2 में सबसे ज्यादा शिकायतें आईं।
लॉकडाउन-3 और लॉकडाउन-4 में शासन-प्रशासन से ग्रीन जोन के क्षेत्रों में बाहर निकलने की छूट मिलने के बाद शिकायतों का ग्राफ गिरने लगा। 26 मई को सिर्फ 38 शिकायतें दर्ज की गईं। जिनमें 36 शिकायतें राशन व भोजन की और दो शिकायतें चिकित्सा विभाग संबंधी थीं। जबकि 26 मई तक कुल 7990 शिकायतें आईं। जिनमें 7416 शिकायतें सिर्फ भाेजन व राशन की मांग संबंधी थीं। इनमें 424 चिकित्सा विभाग संबंधी और 150 शिकायतें अन्य प्रकार की थीं। सभी का सरकारी विभागों ने प्राथमिकता पर निस्तारण कराया। कंट्रोल रूम के सहायक प्रभारी अधिकारी श्रवण कुमार त्यागी ने बताया कि शिकायतों का गंभीरता के साथ निरस्ताण कराया जाता है। सूचना मिलते ही मदद पहुंचाई जाती है। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों के मुकाबले अब शिकायतों की संख्या में कमी आई है। अब महत 25 फीसदी शिकायतें रह गई हैं।