सुनिए वित्त मंत्री जी. उधार दिए गए माल का पेमेंट दिलाने के लिए भी कानून की जरूरत
संवाद सहयोगी पिलखुवाटेक्सटाइल उद्योग आर्थिक अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी है। इसी क्रम मे
संवाद सहयोगी, पिलखुवा:
टेक्सटाइल उद्योग आर्थिक अर्थव्यवस्था में रीढ़ की हड्डी है। इसी क्रम में बेडशीट उद्योग भी अपना विशेष महत्व रखता है। पिलखुवा बेडशीट निर्माण के लिए देश- विदेश तक विख्यात है। बावजूद इसके बेडशीट कारोबार से जुड़े लोग सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं। तमाम उलझन के बीच वह कारोबार कर रहे हैं। सबसे बड़ी परेशानी कारोबारियों को उधार दिए माल का पेमेंट बाहरी राज्यों में फंसने से होती है। व्यापारियों की मांग है कि सरकार ऐसा कोई नियम लाए जिससे बाहरी व्यापारियों से माल का पेमेंट आसानी से प्राप्त किया जा सके। इसके अतिरिक्त आइटीसी के रूप में व्यापारियों की बड़ी रकम जीएसटी विभाग में फंसी रहती है। इसे जल्द संबंधित व्यापारी को दिलाने की व्यवस्था इस बजट में होनी चाहिए।
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पिलखुवा सहित देश के अन्य टेक्सटाइल सिटी में बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट हाउस की स्थापना होनी चाहिए। जिससे व्यापारी को नए डिजाइनों का पता चल जाए। इसके अतिरिक्त इस बजट में आयकर के ढाई लाख के स्लैब को बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जाना चाहिए।
- मुकेश गर्ग, व्यापारी
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टेक्सटाइल इकाई में कर्मचारियों की भागीदारी अधिक होती है। कंपनी में 20 फीसद कर्मचारी होने पर पीएफ जमा करना अनिवार्य है। वह संख्या 50 की जाए, ताकि उद्यमी पर बोझ न पड़े। टेक्सटाइल उद्योग को उबारने के लिए सरकार को बेहतर उपाय की जरूरत है।
- अनिल सिघल, व्यापारी
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टेक्सटाइल उद्योग में कच्चे माल पर जीएसटी 18 से 28 फीसद है। आइटीसी के रूप में बड़ी रकम जीएसटी विभाग में फंसी रहती है। इसे जल्द से जल्द संबंधित व्यापारी को दिलाने की व्यवस्था इस बजट में होनी चाहिए। इससे व्यापारी वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।
- विनीत शर्मा, अधिवक्ता
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कोरोना काल के पहले और बाद में व्यापारियों ने जीएसटी अदा कर दूसरे राज्यों में माल सप्लाई कर दिया। पेमेंट नहीं आने से व्यापारी की हालात खराब है। बजट में ऐसी नीति बनानी चाहिए जिसमें पेमेंट नहीं देने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान हो।
-- महेंद्र प्रसाद, व्यापारी