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दूसरी लहर से सीखा सबक, आक्सीजन की नहीं होगी किल्लत

- अभियान तीसरी लहर की कितनी तैयारी - - विशेषज्ञों ने सितंबर-अक्टूबर में तीसरी लहर आने

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 08:35 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 08:35 PM (IST)
दूसरी लहर से सीखा सबक, आक्सीजन की नहीं होगी किल्लत
दूसरी लहर से सीखा सबक, आक्सीजन की नहीं होगी किल्लत

- अभियान: तीसरी लहर की कितनी तैयारी -

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- विशेषज्ञों ने सितंबर-अक्टूबर में तीसरी लहर आने की जताई है आशंका

- तीसरी लहर से निपटने के लिए विभाग पहले ही कर चुका है तैयारी

01 एचपीआर 74, 75

मुकुल मिश्रा, हापुड़

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर पर अब लगाम लगाई जा चुकी है। दूसरी लहर लोगों को काफी गंभीर घाव देकर गया है। आक्सीजन की किल्लत के कारण कई लोगों की जान चली गई। अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि सितंबर-अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। दूसरी लहर से स्वास्थ्य विभाग ने सबक ले लिया है। तीसरी लहर से निपटने के लिए विभाग ने तैयारी पहले से ही शुरू कर दी है। तीसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत न हो इसके लिए आक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं।

जनपद में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अप्रैल माह के बीच में मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होते चला गया। मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी की प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का हाथ-पैर फूल गए। मरीजों की संख्या में इजाफा इतनी तेजी से हुआ कि सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों में आक्सीजन की किल्लत होने लगी और चारों ओर हाहाकार मच गया। छोटे से लेकर बड़े सिलेंडर की डिमांड ऐसी थी कि मरीजों के तीमारदारों से मनमाने रकम देने को तैयार हो गए थे लेकिन, इसके बाद भी लोगों को सिलेंडर नहीं मिल पाए थे।

अस्पतालों में भी बेड की कमी पड़ गई। तीमारदार अपने मरीजों को एक अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पतालों में उठाकर घूमते रहे लेकिन, उन्हें बेड नहीं मिल सका। ऐसे में कई मरीजों की जान तक चली गई। यह सिलसिला मई तक जारी रहा। जब तक मामला काबू में आ पाता तब तक कई मरीजों की मौत हो गई थी। अब आक्सीजन की किल्लत के चलते मरीजों की जान न जाए इसके लिए जिला अस्पताल समेत जनपद के छह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी शुरू की गई। अभी तक जिला अस्पताल समेत पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आक्सीजन प्लांट लगाए जा चुके हैं।

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किस अस्पताल में कौन लगा रहा प्लांट

अस्पताल का नाम कार्यदायी संस्था

सीएचसी पिलखुवा मैरिनो कंपनी

सीएचसी सिखैड़ा सिभावली चीनी मिल

सीएचसी हापुड़ पीडब्लूडी

सीएचसी धौलाना मदर डेयरी व अन्य

सीएचसी सपनावत टाटा स्टील

जिला अस्पताल पैथ एनजीओ

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चार अस्पतालों में शुरू हो चुके हैं प्लांट

जनपद के चार अस्पतालों में अभी तक चार अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट शुरू हो चुके हैं। इन अस्पतालों में जिला अस्पताल, सीएचसी पिलखुवा, सीएचसी सपनावत, सीएचसी धौलाना शामिल हैं। इसके अलावा सीएचसी सिभावली और सीएचसी हापुड़ में प्लांट लगाने का कार्य जारी है। अधिकारियों का दावा है कि 15 अगस्त तक यह प्लांट शुरू हो जाएंगे।

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छह प्लांट शुरू होने के बाद बढ़ जाएंगे 600 बेड

जनपद के सभी छह सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट शुरू होने जाने से 600 बेड आक्सीजन से संचालित हो जाएंगे। जिसके बाद यदि तीसरी लहर आती है और मरीजों की संख्या में इजाफा होता है तो मरीजों को जनपद के अस्पतालों में ही भर्ती कर लिया जाएगा। साथ ही उन्हें 24 घंटे आक्सीजन मिल सकेगी।

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350 आक्सीजन कंसंट्रेटर भी है मौजूद

आक्सीजन के यदि बेड भर जाते हैं तो भी मरीजों को आक्सीजन चढ़ाने के लिए परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि हाल ही दौर में स्वास्थ्य विभाग के पास 350 आक्सीजन कंसंट्रेटर मौजूद हैं। इन सभी कंसंट्रेटर को जनपद के सभी अस्पतालों में दिया हुआ है। सभी कंसंट्रेटर अस्पतालों में संचालित हैं।

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क्या कहती हैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी

जनपद के छह अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाने थे। अभी तक चार अस्पतालों में प्लांट लगाकर सुचारू किया जा चुका है। दो अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इन अस्पतालों में भी आक्सीजन प्लांट 15 अगस्त तक लगा दिए जाएंगे। आक्सीजन बेड के लिए मरीजों को परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।

- डॉ. रेखा शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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