दोबारा खोले गए गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर होगी कानूनी कार्रवाई
क्षेत्र में बंद कराए गए गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के पुन खुलने पर उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग ऐसे विद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना चुका है। इसके चलते इन विद्यालयों को चिह्नित किए जाने का कार्य तेजी से चल रहा है। बिना मान्यता के विद्यालय संचालित होते पाए गए तो उनके संचालक व प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : क्षेत्र में बंद कराए गए गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों का पुन: संचालन किए जाने के कारण उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। शिक्षा विभाग ऐसे विद्यालयों को चिह्नित कर रहा है। बिना मान्यता लिए विद्यालय संचालित होते पाए जाने पर उनके संचालक और प्रबंधक के खिलाफ विभाग कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
तहसील क्षेत्र में इस समय सैकड़ों परिषदीय प्राथमिक विद्यालय चल रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में गली-गली गैर मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय भी चल रहे थे। खंड शिक्षा अधिकारी पंकज अग्रवाल को सूचना मिली थी कि निजी विद्यालयों में अभिभावकों से जमकर लूट-खसोट की जा रही है। उन्होंने सभी एनपीआरसी को उनके क्षेत्रों में चल रहे ऐसे विद्यालय गुप्त रूप से चिह्नित करने का आदेश दिया था। क्षेत्र में मिले सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद कर दिया गया था। खंड शिक्षा अधिकारी पंकज अग्रवाल ने शुक्रवार को कोतवाली प्रभारी अजय कुमार अग्रवाल के साथ बैठक कर के पूर्व में बंद कराए गए गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के खुले पाए जाने वाले विद्यालयों के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि नि:शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने के बाद बिना मान्यता प्राप्त किए कोई स्कूल स्थापित या संचालित नहीं किया जाएगा। इसके अंतर्गत स्कूल की मान्यता के संबंध में कई प्रावधान किए गए हैं। मान्यता के प्रमुख प्रावधान
1- आवेदन करके मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना ऐसा कोई विद्यालय स्थापित नहीं किया जाएगा।
2- धारा 19 के अंतर्गत मानकों को पूरा नहीं करने वाले विद्यालयों को मान्यता प्रदान नहीं की जाएगी।
3- मान्यता की शर्तों के उल्लंघन पर सक्षम अधिकारी द्वारा संबंधित विद्यालय की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
4- ऐसा विद्यालय मान्यता वापस लेने की तारीख से कार्य करना जारी नहीं करेगा।
5- मान्यता वापस लेने के बाद विद्यालय चलाने पर एक लाख रुपये तक जुर्माना किया जा सकता है।