गढ़ और बाबूगढ़ में गोशाला के लिए चिह्नित की भूमि
शासन की सख्ती के बाद ठंडे बस्ते में पड़ी कान्हा गौशाला की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए गढ़ पालिका और बाबूगढ़ नगर पालिका अफसरों ने कवायद तेज कर दी है। गढ़मुक्तेश्वर में और बाबूगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी ने जमीन चिन्हित कर कार्य योजना तैयार करना शुरू कर दिया है। दोनों गौशालाओं में 250-250 बेसहारा पशुओं के आश्रय की क्षमता होगी।
जागरण संवाददाता, हापुड़ : शासन की सख्ती के बाद ठंडे बस्ते में पड़ी कान्हा गोशाला योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए गढ़ नगर पालिका और बाबूगढ़ नगर पंचायत के अधिकारियों ने शुरुआत कर दी है। गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका और बाबूगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र में अधिशासी अधिकारियों ने जमीन चिह्नित कर कार्य योजना तैयार करना शुरू कर दिया है। दोनों गोशालाओं की क्षमता 250-250 बेसहारा पशुओं को आश्रय देने की होगी।
नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर और नगर पंचायत बाबूगढ़ की अधिशासी अधिकारी अमिता वरुण ने बताया कि शासन ने कान्हा गोशाला खोलने के आदेश दिए थे। सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं को आश्रय देने के लिए कान्हा गोशाला बनाई जाएंगी। गोशालाओं के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर में मीरा की रेती स्थित खाली पड़ी नगर पालिका की 1300 मीटर भूमि चिह्नित की गई है, जबकि बाबूगढ़ में तालाब के निकट नगर पंचायत की खाली पड़ी 0.255 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है। दोनों गोशालाओं में 250-250 बेसहारा पशुओं को आश्रय दिए जाने की क्षमता होगी। इनके निर्माण के लिए जल्द ही निविदा बेचने का काम शुरू किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निकायों को अपने-अपने क्षेत्र में जमीन चिह्नित कर कान्हा गोशाला खोलने के आदेश दिए थे। तब से अधिकारी जमीन की तलाश कर रहे थे। बेसहारा पशुओं के मामले ने तूल पकड़ा तो अधिकारियों ने प्रयास तेज कर दिए है।