केशव त्यागी, हापुड़
विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण माहौल में निष्पक्ष रूप से कराने की बड़ी जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर पर है। चुनाव में एक-एक वोट के लिए प्रत्याशियों में घमासान होता है। प्रत्याशी वोटरों को लुभाने में हर तरह के हथकंडे अपनाने लगते हैं। यही कारण है कि राजनीति में पार्टीबंदी हावी रहती है। जो बड़े विवाद का कारण भी बनती है। चुनावी घमासान के मद्देनजर पुलिस गांव-गांव स्तर पर व्यूह रचना (एक्शन प्लान)में जुटी है। दुराचारियों(हिस्ट्रीशीटर) की निगरानी, मुचलका पाबंद की कार्रवाई, गुंडा एक्ट व गैंगस्टर के अलावा विभिन्न कार्रवाई कर पुलिस ने अराजक तत्वों पर शिकंजा कस दिया है। अब तक की पुलिस कार्रवाई पर पेश है संवाददाता केशव त्यागी रिपोर्ट..
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पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई
शांतिभंग में हुए पाबंद : 19731
116 (3) में हुए पाबंद : 13441
110 जी एक्ट : 672
धारा 117 में हुए पाबंद : 969
गुंडा एक्ट : 342
गैंगस्टर एक्ट : 25
दुराचारी(हिस्ट्रीशीटर) : 761
बरामद अवैध शस्त्र : 180
कारतूस : 234
रेड कार्ड की संख्या :750
दुराचारियों की संख्या :761
कुल शस्त्र :4697
जमा शस्त्र का विवरण :3756
शस्त्र जमा न करने के लिए आए आवेदन : 208
आचार संहिता में जब्त रकम : 40.70 लाख
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कुल हिस्ट्रीशीटर :761
जेल में :175
मौजूद : 510
फरार :52
मृत :25
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वांछित अपराधियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई-
वांछित अपराधी : 34
गिरफ्तार : 6112
हाजिर अदालत : 476
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जनपद की स्थिति व पुलिस व्यवस्था -
जोन : 14
सेक्टर : 96
निरीक्षक : 30
उप निरीक्षक : 300
मुख्य आरक्षी : 500
आरक्षी : 3000
महिला अरक्षी : 450
जनपद की सीमाओं पर लगे बैरियर की संख्या : 15
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दुराचारियों की हो रही पैनी निगरानी : पंचायत चुनावों को लेकर पुलिस की रडार पर ऐसे अराजक तत्व हैं। जो वोटरों को धमकाने, प्रलोभन देने व आपराधिक वारदातों में शामिल रह चुके हैं। जनपद में कुल 761 दुराचारी हैं। इनमें से ए श्रेणी में 740 व बी श्रेणी 21 दुराचारियों को रखा गया है। दुराचारियों की गोपनीय तरीके से निगरानी की जा रही है। थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों के में पार्टीबंदी, भूमि विवादों के अलावा खुरापातियों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
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चुनावों से पहले और बाद तक चलती है रंजिश: पिछले चुनावों के दौरान हुई वारदातों से पुलिस सबक लेने का प्रयास कर रही है। चुनाव के दौरान हुए विवादों की जानकारी करने के साथ ही पार्टीबंदी पर पूरी तरह से नजर रख रही है। चुनाव सेल के गठन के बाद खुफिया विभाग(एलआइयू) व अन्य गोपनीय टीमें भी सक्रिय हो गई है। जनपद के संवेदनशील, अतिसंवेदनशील व मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है। पुलिस छोटे-बड़े विवाद, के अलावा गांवों की आबादी, जातिगत आंकड़ों व संवेदनशीलता को भी ध्यान में रख रही है।
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चुनाव को लेकर पुलिस ने अराजक तत्वों पर शिकंजा कस दिया है। किसी भी हाल में शांति व कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी। भमुक्त माहौल में मतदान संपन्न कराया जाएगा।
-दीपक भूकर, एसपी
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