अंतरिम बजट से आम लोगों को राहत की उम्मीद
भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का शुक्रवार को आम बजट पेश होगा। आगामी करीब ढाई महीने बाद लोकसभा का आम चुनाव है। जिसमें देश के मतदाता अपनी नई सरकार को चुनेंगे। ऐसे में बजट लोक लुभावन होने की काफी संभावना है। सरकार बजट में रियातें दे सकती है। समाज के सभी तबकों को केंद्र सरकार से उम्मीद बंधी है। कोई आयकर में छूट चाहता है तो कोई मंहगाई कम
जागरण संवाददाता, हापुड़
भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के वित्त मंत्री शुक्रवार को अंतरिम बजट प्रस्तुत करेंगे। लगभग तीन महीने बाद लोकसभा का चुनाव होने की संभावना है। इन परिस्थितियों बजट लोक लुभावन होने की काफी संभावना है। सरकार बजट में काफी रियायतें दे सकती है। समाज के सभी वर्गों को केंद्र सरकार से काफी उम्मीद है। कोई आयकर में छूट चाहता है तो कोई मंहगाई कम होने की उम्मीद लगाए बैठा हैं। खासकर व्यापारी वर्ग को काफी उम्मीद है। दवाइयों के दामों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने काफी प्रयास किए हैं। लेकिन अभी जीवन रक्षक दवाएं काफी मंहगी है। इन्हें सस्ता किया जाना चाहिए। इससे आमजन को काफी राहत मिलेगी। बहुत सी जीवन रक्षक दवाएं काफी महंगी होने के बावजूद गरीब आदमी को इलाज कराने के लिए खरीदना पड़ता है। यदि ये दवाएं सस्ती हो जाएंगी तो उन्हे राहत मिलेगी।
--दिनेश त्यागी, पूर्व अध्यक्ष, हापुड़ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन
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बजट में किसानों को अधिकाधिक तरजीह दी जानी चाहिए। देश का विकास किसानों की प्रगति से ही जुड़ा है। फसली ऋण पर ब्याज दर को कम किया जाना चाहिए। खाद, बीज पर सब्सिडी बढ़ाई जानी चाहिए। --नरेंद्र सहवाग
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महंगाई को कम करना चाहिए। घरेलू सामान पर टैक्स घटाकर राहत दी जानी चाहिए, ताकि घरेलू सामान सस्ता मिले और रसोई का खर्च कम हो सके। रसोई गैस सिलेंडर के दाम होने चाहिए। इसके साथ-साथ निजी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी कम किया जाना चाहिए।
--भावना शर्मा, शिक्षिका
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केंद्र सरकार बजट में सामाजिक सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किया जाना चाहिए। उद्यमियों और कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी तो माहौल बेहतर होगा। आयकर की छूट बढ़ाकर करीब पांच लाख की जानी चाहिए। --प्रतीक जैन, उद्यमी
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बजट में आम आदमी को रियायतें दी जानी चाहिए। विदेशी मुद्रा लाने वाले उद्योगों के अच्छे दिन लाने के लिए विशेष मदद मिलने का सभी को इंतजार है। सेक्शन 80 सी के तहत दी जाने वाली छूट सीमा 1.5 लाख तक बढ़ाई जाए। --कमल कंसल
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आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर पांच लाख की जाए। सवर्ण आरक्षण में निर्धन सीमा आठ लाख मानी गई है। जिसे व्यक्तिगत आयकर पर लागू किया जाए।
--संजय अग्रवाल