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    ठंड में हीटर और ब्लोअर पहुंचा सकते हैं आंखों को नुकसान, पानी सूखने का खतरा

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 05:08 PM (IST)

    हापुड़ में ठंड से बचने के लिए रूम हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल बढ़ गया है, जिससे आंखों में ड्राई आई की समस्या बढ़ रही है। डॉक्टरों के अनुसार, ओपीडी में ...और पढ़ें

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    नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन सौ मरीज आ रहे हैं।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। घरों में इन दिनों लोग ठंड से बचने के लिए रूम हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल करने लगे हैं। ज्यादा समय तक इनके सामने बैठने से लोगों की आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। इन उपकरण से लोगों की आंखों का पानी सूख सकता है।

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    बच्चों व युवाओं के अधिक समय तक मोबाइल व कंप्यूटर स्क्रीन लगातार देखने से ड्राइ आइ होने की वजह से आंखों में जलन और चुभन की समस्या लेकर मरीज चिकित्सकों को दिखाने पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में हर पांचवां मरीज ड्राइ आइ का ही आ रहा है।

    जिला अस्पताल की नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन सौ मरीज आ रहे हैं। इन मरीजों में से 15 से 20 मरीज ऐसे पहुंच रहे हैं जो ड्राइ आइ की बीमारी से ग्रस्त पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ के अनुसार सर्दी से बचाव के लिए लोग घरों में रूम हीटर और ब्लोअर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    ठंड अधिक होने से वातावरण में नमी कम हो जाती है। जिससे त्वचा के साथ-साथ आंखों का भी पानी सूखा देती है। आंख ड्राइ होती हैं तो आंखों में जलन, चुभन के साथ-साथ टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल फोन आदि देखने में परेशानी होती है। ये समस्या होने पर पलकों को बीच-बीच में झपकते रहना चाहिए। जिससे आंखों में नमी बनी रहे। हीटर या ब्लोअर चलाकर सोना नहीं चाहिए।

    नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टर अतुल कुमार ने बताया कि जिन लोगों को पहले से ही ड्राइ आइज की समस्या होती है, उनमें हीटर के इस्तेमाल के कारण कभी-कभी लक्षण और भी गंभीर हो जाते हैं। विशेष रूप से कार के हीटर से निकलने वाली हवा, वातावरण को शुष्क बना देती है, जिससे ऐसे लोगों की दिक्कतें और अधिक बढ़ सकती हैं। हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इन उपकरणों से निकलने वाली गर्म हवा का सीधे तौर पर आंखों से संपर्क न हो। ये ज्यादा नुकसानदायक हो सकती है।

    ड्राई आइज के ये हैं लक्षण

    नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. राजेश सिंह ने बताया कि आंखों में चुभन, जलन या खरोंच का एहसास होना, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, आंखों का अकसर लाल रहना, कांटेक्ट लेंस पहनने में परेशानी सहित अन्य इसके लक्षण हैं। रात के समय ड्राइविंग करने में कठिनाई भी होती है। यदि ऐसी कोई समस्या हो तो तत्काल विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

    इन बातों का रखें विशेषज्ञ ध्यान

    - हीटर, ब्लोअर का उपयोग करते समय पास में पानी रखें, पानी वाष्पीकृत होने से कमरे में नमी बनी रहती है।
    - मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटाप आदि पर कार्य करते समय एक मिनट में पांच से दस बार पलक झपकाएं।
    - कुछ देर बाद हीटर, ब्लोअर चलाकर बंद कर दें।