हापुड़ के अस्पताल में संसाधनों की कमी से बिफरे लोग, महिला मरीज को इलाज न मिलने पर किया हंगामा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सपनावत में अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। हॉस्पिटल में ना तो समुचित टेस्ट की सुविधा है और ना ही सामान्य बुखार से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज की व्यवस्था है।
हापुड़/ धौलाना [राहुल गहलौत] । किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सपनावत में अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। आरोप है कि अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। हंगामे के दौरान संगठन के धौलाना ब्लाक अध्यक्ष राहुल राणा ने बताया रविवार शाम को वह अपनी बुखार से पीड़ित भाभी को लेकर सपनावत के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए लाए थे।
लेकिन पर केंद्र के स्टाफ ने सुविधाओं का अभाव बताते हुए कहीं और जाने की सलाह दी। इसके बाद उन्होंने अपनी भाभी को पिलखुवा के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। संगठन के जिला अध्यक्ष शिव कुमार सिंह ने बताया कि जब इस हॉस्पिटल में इलाज हो ही नहीं सकता तो क्यों सरकार इस पर लाखों रुपए का खर्चा हर माह वेतन आदि पर कर रही है। उनके अनुसार हॉस्पिटल में ना तो समुचित टेस्ट की सुविधा है और ना ही सामान्य बुखार से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज की व्यवस्था है।
प्रदेश महासचिव ब्रहम सिंह राणा ने कहा कि सपनावत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक्स-रे की मशीन तो लगाई गई है पर एक्सरे टेक्नीशियन ना होने के कारण आसपास के ग्रामीणों को बाहर से एक्स-रे करवाना पड़ता है। उन्होंने हॉस्पिटल के स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर जानबूझकर मरीजों को बाहर की दवाइयां लिख रहे हैं और हॉस्पिटल की दवाइयों की कालाबाजारी की जा रही है। संगठन ने हालात न सुधरने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी।
इस मौके पर महेश तोमर, धर्मपाल सिंह, महेंद्र सिंह, मनोज शर्मा, पिंटू राणा, अब्दुल, रवि पारपा, शिवसिंह, केपी सिंह, धर्मवीर सिंह, पप्पू, उदयवीर, रामबाबू, नरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, शशिकला, सियाराम आदि मौजूद रहे। मामले में केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शेखर का कहना है कि ब्लाक अध्यक्ष अपनी भाभी को लेकर आया था। इस दौरान वह मौजूद नहीं थे।
लेकिन जानकारी करने पर पता चला कि केंद्र स्टाफ ने उनसे पर्चा बनवाने के लिए कहा था, लेकिन वह मरीज को एंबुलेंस के जरिए कहीं और ले गए थे। अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। एक्सरे टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं है। जिसकी मांग शासन की गई है।