...तो हापुड़ भी है बारूद के ढेर पर, 1990 से 2025 तक के आतंक की कहानी
दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के बाद हापुड़ में सतर्कता बढ़ा दी गई है। यहां पहले भी आतंकी मॉड्यूल और जासूसी के मामले सामने आते रहे हैं। पुलिस ने अब्दुल करीम टुंडा के रिश्तेदारों से पूछताछ की है। अतीत में, हापुड़ में आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों से जुड़े आतंकियों को शरण मिली है। 1990 के दशक से ही यह क्षेत्र आतंकवाद से जुड़ा रहा है।

दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके के बाद हापुड़ में सतर्कता बढ़ा दी गई है।
केशव त्यागी, हापुड़। दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार बम विस्फोट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस बीच, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा ज़िला हापुड़ भी बारूद के ढेर पर सवार है। साल दर साल, ज़िले से जुड़े आतंकवादी मॉड्यूल, जासूस और हथियारों की आपूर्ति के मामले सामने आते रहे हैं।
हाल ही में दिल्ली में हुए धमाकों के बाद, पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए, हापुड़ के पिलखुवा में कुख्यात आतंकवादी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा के रिश्तेदारों से गहन पूछताछ की है। यह पहली बार नहीं है। 1990 से 2025 तक, इस ज़िले ने आईएसआई, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआईएस जैसे संगठनों से जुड़े दर्जनों आतंकवादियों को पनाह दी है।
हापुड़ का आतंकवाद का इतिहास 1990 के दशक से शुरू होता है, जब अपहरणकर्ताओं ने यहाँ एक सुरक्षित ठिकाना बनाया था। अक्टूबर 1994 में, चार विदेशी नागरिकों का अपहरण कर उन्हें हापुड़ और पड़ोसी सहारनपुर में छिपा दिया गया था। इसी अवधि के दौरान, दिसंबर 1993 में, राजधानी एक्सप्रेस, दिल्ली-हावड़ा एक्सप्रेस, फ्लाई क्वीन एक्सप्रेस, सूरत-मुंबई एक्सप्रेस और एपी एक्सप्रेस सहित दर्जनों ट्रेनों में सिलसिलेवार बम विस्फोट हुए, जिनमें दो लोग मारे गए और 22 घायल हुए। इन हमलों का मास्टरमाइंड पिलखुआ के मोहल्ला लुहारन का अब्दुल करीम उर्फ टुंडा था।
वह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, आईएसआई, इंडियन मुजाहिदीन और हूजी बब्बर खालसा जैसे संगठनों का एक प्रमुख सदस्य था। टुंडा को 2013 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसके परिवार के सदस्यों पर अभी भी नज़र रखी जा रही है।
मदरसे में पाक-प्रशिक्षित आतंकवादी मिला
30 अप्रैल, 2001 को एक स्थानीय मदरसे से एक पाकिस्तान-प्रशिक्षित आतंकवादी को गिरफ्तार किया गया था। यह मामला जिले के धार्मिक संस्थानों में छिपे खतरे का पहला बड़ा उदाहरण बन गया। फिर, 22 मार्च 2002 को, कोतवाली पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एक संयुक्त टीम ने फ्रीगंज रोड पर एक मुठभेड़ के बाद लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के चार खूंखार आतंकवादियों, कल्लन, शमीम, रईस और साजिद को गिरफ्तार किया। तत्कालीन एसटीएफ इंस्पेक्टर दुष्यंत बालियान के नेतृत्व में यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में पोटा (आतंकवाद निरोधक अधिनियम) के तहत दर्ज पहला मामला बन गई। दिल्ली-एनसीआर पर हमले की साजिश रच रहे इन आतंकवादियों के पास से हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए।
बीआईएसआईएस लिंक और मुंबई कनेक्शन
2010 के बाद, हापुड़ आतंकवादी फंडिंग और जासूसी का केंद्र बन गया। 2013 में, वसीम उर्फ भूरा को गिरफ्तार किया गया और उसके पास से पाकिस्तान से जुड़े नकली नोट बरामद किए गए, जिनका इस्तेमाल आतंकी फंडिंग के लिए किया जा रहा था। 2016 में, हापुड़ के एक स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया। जाँच में उसके ISIS से संबंध सामने आए।
उसी वर्ष, 26/11 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड डेविड हेडली भी इसी ज़िले से जुड़ा था। उसने हापुड़ में शरण ली थी और स्थानीय संपर्कों का इस्तेमाल किया था। जनवरी 2019 में, NIA ने हापुड़ समेत चार ज़िलों में छापे मारे और चार संदिग्धों को हिरासत में लिया। इनमें से कुछ संदिग्ध धौलाना, वैठ, अठसैनी और बदरखा इलाकों के युवक थे, जो मदरसों और अमरोहा जैसे पड़ोसी ज़िलों से जुड़े थे।
जासूसी और हथियार आपूर्ति का केंद्र
7 जुलाई, 2020 को, यूपी एटीएस ने गढ़ रोड स्थित एक मार्बल की दुकान से मेरठ के किठौर निवासी जावेद को गिरफ्तार किया। वह खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (KLF) को अवैध हथियार सप्लाई कर रहा था। उसके खिलाफ पंजाब के मोहाली में मामला दर्ज किया गया था। जनवरी 2021 में बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के बिहुनी गाँव निवासी पूर्व भारतीय सैनिक सौरभ शर्मा को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पाकिस्तान के लिए जासूसी और टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।
नवंबर 2023 में पिलखुआ के सद्दीकपुरा में छिपे गाजियाबाद के फरीदनगर निवासी रियाजुद्दीन को आईएसआई के लिए जासूसी करते पकड़ा गया था। उसके खातों में 70 लाख रुपये के संदिग्ध लेनदेन का पता चला था। फरवरी 2024 में मास्को स्थित भारतीय दूतावास में तैनात थाना देहात के श्यामपुर निवासी सतेंद्र सिवाल को एटीएस ने गिरफ्तार किया था, जिससे वह आईएसआई एजेंट साबित हुआ था। दिल्ली धमाकों के बाद हापुड़ में हाई अलर्ट है।

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