जीएसटी ने तोड़ीं व्यापार की सीमाएं, व्यापारियों को मिली राहत
केंद्र सरकार ने व्यापार को सरल बनाने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू किया था। जिससे कि व्यापार करने की सीमाएं खुल सकें और सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान हो सके। साथ ही व्यापार को बढ़ावा देने और टैक्स कलेक्शन को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था।
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
केंद्र सरकार ने व्यापार को सरल बनाने के लिए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लागू किया था, जिससे कि व्यापार करने की सीमाएं खुल सकें और सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान हो सके। साथ ही व्यापार को बढ़ावा देने और टैक्स कलेक्शन को भी बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था।
जीएसटी के लागू न होने से पहले व्यापारी और उद्यमियों को बहुत अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उन्हें कई प्रदेशों से माल खरीदने और बेचने की इजाजत नहीं थी, क्योंकि अलग-अलग प्रदेशों में कई प्रकार की टैक्स दरें थीं। इस कारण कई बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में भी फैक्ट्रियों का संचालन प्रभावित था। इसमें जनपद हापुड़ भी शामिल रहा है। यहां के उद्यमी भी जीएसटी लागू न होने से पहले परेशान रहते थे। इनकी मानें तो दूसरे राज्यों में टैक्स की दरें कम थीं। इस कारण उनके यहां बनने वाले माल को दूसरे प्रदेशों के व्यापारी नहीं खरीदते थे, क्योंकि उनकी लागत बढ़ जाती थी, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद यह बाधा दूर हुई है। अब पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली लागू है। उद्यमियों के अनुसार उनकी सेल पहले के मुकाबले बढ़ी है। साथ ही पेमेंट का स्तर बेहतर हुआ है। इसके अलावा टैक्स न देकर व्यापार करने वाले लगभग खत्म हो गए हैं। बैंकों से ऋण मिलने में आसानी हुई है।
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जीएसटी से उद्यमियों व व्यापारियों को लाभ मिला है। जीएसटी से व्यापार करने की सीमाएं खुली हैं। अब पूरे देश में व्यापार किया जा सकता है। जबकि, पहले ऐसा नहीं था। दिल्ली नजदीक होने के कारण जनपद के उद्यमियों को परेशान होना पड़ता था। - अमन गुप्ता, उद्यमी
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जीएसटी में कई बार बदलाव हुए हैं। इन्हें समझाने के लिए अधिवक्ताओं, चार्टर्ड एकाउंटेंट और व्यापारियों की समय-समय पर कार्यशाला होनी चाहिए। व्यापारियों की समस्याओं का समय पर समाधान होना चाहिए। - संजय गर्ग, व्यापारी