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प्रोत्साहन राशि से चमकेंगी 28 ग्राम पंचायतें

अपनी आय श्रोतों से आमदनी बढ़ाने वाली ग्राम पंचायतों के दिन बहुरने वाले हैं। सूबे की सरकार ऐसी ग्राम पंचायतों को परफॉरमेंस ग्रांट की तर्ज पर प्रोत्साहन राशि देगी। जनपद में पहली बार 2

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 06:15 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 06:15 PM (IST)
प्रोत्साहन राशि से चमकेंगी 28 ग्राम पंचायतें
प्रोत्साहन राशि से चमकेंगी 28 ग्राम पंचायतें

- जनपद के 28 ग्राम पंचायतों ने आमदनी बढ़ाकर शासन के मानकों को किया पूरा

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- हापुड़ ब्लॉक के 11, ¨सभावली के नौ और गढ़मुक्तेश्वर के आठ गांवों का हुआ चयन

- चयनित ग्राम पंचायतों को 25 लाख से दो करोड़ रुपये तक प्रोत्साहन राशि मिलने का अनुमान

गौरव भारद्वाज, हापुड़:

अपने स्त्रोतों से आय बढ़ाने वाली ग्राम पंचायतों के दिन बहुरने वाले हैं। प्रदेश सरकार ऐसी ग्राम पंचायतों को परफॉरमेंस ग्रांट की तर्ज पर प्रोत्साहन राशि देगी। जनपद में पहली बार 28 ग्राम पंचायतों ने शासन के मानकों को पूरा किया है। जबकि कई ग्राम पंचायत आय स्त्रोत न होने के कारण आय में बढ़ोतरी करने पर असमर्थता जता चुकी हैं। आय बढ़ाने वाले 28 गांवों की सूची शासन को भेजी जा रही है। अनुमान है कि इन ग्राम पंचायतों को 25 लाख से दो करोड़ रुपये तक की धनराशि मिल सकती है।

पंचायतीराज विभाग ने वित्तीय वर्ष 2015-16 में ग्राम पंचायतों को फरमान जारी किया था कि ग्राम पंचायत को अपनी आय में बढ़ोतरी करने पर राज्य वित्त आयोग 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि स्वीकृत करेगा। इसके लिए एक शर्त थी कि ग्राम पंचायतों को यह लाभ तभी मिलेगा जब उनका प्रत्येक वर्ष का ऑडिट वर्क पूरा हो और वर्ष 2015-16 से प्रति वर्ष आय में बढ़ोतरी हो रही हो।

पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार गत वर्ष परफॉरमेंस ग्रांट पाने के लिए एक भी गांव मानकों पर खरा नहीं उतर पाया था, लेकिन इस बार विभाग की कोशिशें रंग लाईं। इसके बाद जनपद के चार में से तीन ब्लॉक की 28 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। 14वें वित्त आयोग से मिलने वाली 10 प्रतिशत धनराशि का उपयोग पंचायतें जल आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता, जल निकासी, सामुदायिक परिसंपत्तियों का रख-रखाव, सड़कों, फुटपाथों, स्ट्रीट लाइट, कब्रिस्तान और श्मशानघाटों के रखरखाव पर किया जा सकेगा। जिला पंचायती राज अधिकारी लाल चंद गुप्त ने बताया कि यह धनराशि राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत की आबादी और क्षेत्रफल के अनुपात में वितरित की जाएगी।

--इन ग्राम पंचायतों ने बढ़ाई आमदनी

हापुड़ ब्लॉक के गांव बड़ौदा सिहानी, भमैड़ा, धनौरा, गौंदी, गिरधरपुर तुमरैल, हाफिजपुर उबारपुर, होशियारपुर गढ़ी, कुराना मीरपुर, लुखराड़ा, नूरपुर, पूठा हुसैनपुर, ¨सभावली ब्लॉक के गांव अकबरपुर बुकलाना, बक्सर, धनपुरा, हिम्मतपुर, मुजफ्फरा बागड़पुर, रझैड़ा, राजपुर, सलारपुर, वैट और गढ़मुक्तेश्वर ब्लॉक के नगली कनौर, शेरपुर अलीपुर, बदरखा, बहादुरगढ़, भैना

सदरपुर, चांदनेर, दौताई, कल्याणपुर हैं।

--आय के पुराने स्त्रोतों पर निर्भर हैं ग्राम पंचायत

ग्राम पंचायतों का तर्क है कि राज्य सरकार ने ग्राम पंचायतों को पुराने आय स्त्रोतों के भरोसे छोड़ रखा है। इसमें चुंगी नाका, रजिस्ट्री पर कर, पट्टे जारी करना, ग्राम पंचायत सेवा शुल्क आदि शामिल हैं। अधिकतर पुराने स्त्रोत से आमदनी अब व्यवहारिक नहीं रही है। हालांकि जनपद में ज्यादातर ग्राम पंचायत दुकान, खेत, मछली पालन ठेका से होने वाली आय पर ही निर्भर हैं।

--सीमित संसाधनों से नहीं बढ़ सकती आय

ग्राम प्रधान एकता समिति के अध्यक्ष और ग्राम पंचायत वैट की प्रधान के पति छोटे खां का कहना है कि सरकार को यदि ग्राम पंचायतों की आय बढ़ानी है तो उनमें छोटे-छोटे कुटीर उद्योग खोले जाने चाहिए। इससे गांव के लोगों को रोजगार मिलने के साथ-साथ गांव की निजी आमदनी भी बढ़ेगी। वहीं बदरखा के ग्राम प्रधान सदाकत अली का कहना है कि गांव में आय बढ़ाने के सीमित संसाधन हैं। इसके लिए जनप्रतिनिधियों के साथ सरकार को भी कंधे से कंधा मिलाकर चलना पड़ेगा।


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