अब नहीं चल पाएगी ग्राम पंचायतों की मनमानी
ग्राम पंचायतें अब मनमाने तरीके से कोई काम नहीं करा सकेंगी। ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया विकास कार्य जियो टैग करने के बाद ही पूरा माना जाएगा। भारत सरकार ने ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों की निगरानी के लिए एम एक्शन सॉफ्ट नामक एप तैयार किया है। इसके माध्यम से हर काम को फोटो के साथ अपलोड कर जियो टैग किया जाएगा। जीओ टैग का कार्य तो सभी
जागरण संवाददाता, हापुड़ : ग्राम पंचायतें अब मनमाने तरीके से कोई भी काम नहीं करा सकेंगी। ग्राम पंचायतों द्वारा कराया गया विकास कार्य जियो टैग करने के बाद ही पूरा माना जाएगा। भारत सरकार ने ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यो की निगरानी के लिए एम एक्शन सॉफ्ट नामक एप तैयार किया है। इस एप के माध्यम से हर विकास कार्य की जानकारी को फोटो के साथ अपलोड कर जियो टैग किया जाएगा। जियो टैग का कार्य तो सभी 273 ग्राम पंचायतों में पूरा हो चुका है, एप पर कार्य जल्द शुरू होगा।
ग्राम पंचायतों में अब तक ग्राम प्रधान और सचिव मनमाने तरीके से विकास कार्य कराते थे। इस कारण अक्सर सरकारी धन के दुरुपयोग की शिकायतें आती रहती हैं। जांच में कई बार ऐसे मामले भी मिलते हैं जहां अभिलेखों में विकास कार्य दिखाए जाते हैं, लेकिन मौके पर नहीं किए ही नहीं जाते हैं। इस धांधली पर शिकंजा कसने के लिए भारत सरकार ने अब एम एक्शन सॉफ्ट एप लागू किया है। इस एप के माध्यम से हर निर्माण कार्य की फोटो एप पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद वह कार्य जियो टैग माना जाएगा। इसके बाद अधिकारी आसानी से जान सकेंगे कि निर्माण कार्य वास्तव में हुआ है अथवा नहीं।
सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) आलोक सिन्हा ने बताया कि इस एप पर वर्ष 2017-18 और 2018-19 तक जनपद की हर ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों का विवरण फीड किया जाएगा। जियो टैग का कार्य जनपद में किया जा रहा है। इस एप के प्रयोग से धांधली को रोकने में काफी मदद मिलेगी।
---------------- दोनों वित्त आयोग के काम पर होगा लागू
एम एक्शन सॉफ्ट एप राज्य वित्त आयोग और 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत कराए गए कामों पर लागू होगा। हर ग्राम पंचायत सचिव को निर्माण कार्य का फोटो अपलोड कर एम एक्शन सॉफ्टवेयर पर जियो टैग करना होगा। तभी यह काम पूरा माना जाएगा।
--------------- - फोटो अपलोड करने को होगी कर्मचारी की तैनाती
सहायक विकास अधिकारी पंचायत आलोक सिन्हा ने बताया कि फोटो अपलोड करने के लिए एक कर्मचारी की तैनाती की जाएगी। प्रत्येक गांव में वह ग्रामीणों के साथ बैठ कर निर्माण कार्यों की फोटो अपलोड करेंगे।