ग्राम पंचायत उठाएंगी बंदरों को पकड़ने का खर्चा
नगर व ग्रामीण क्षेत्र में आतंक मचाने वाले बंदरों को पकड़ने के लिए प्रशासन ने योजना तैयार की है। नगर व ग्राम पंचायतों में बंदरों को पकड़कर उनका डॉक्टरी परीक्षण कराने के बाद हस्तिनापुर वन्य जंतु विहार की सीमा में सुरक्षित छोड़े जाएंगे। बंदरों को पकड़ने का मामला अंति संवेदनशील होने कारण ग्राम पंचायत को स्थानीय पुलिस का सहयोग भी लेना होगा। इसका खर्चा ग्राम पंचायत को उठाना होगा।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : नगर और ग्रामीण क्षेत्र में आतंक मचाने वाले बंदरों को पकड़ने के लिए प्रशासन ने योजना तैयार की है। बंदरों को पकड़कर उनका चिकित्सकीय परीक्षण कराने के बाद हस्तिनापुर वन्य जंतु विहार की सीमा में छोड़ा जाएगा। बंदरों को पकड़ने का मामला अति संवेदनशील होने कारण ग्राम पंचायत को स्थानीय पुलिस का सहयोग भी लेना होगा। इसका खर्चा ग्राम पंचायत को उठाना होगा।
नगर के साथ-साथ ब्रजघाट, बक्सर, सिभावली मिल, हरोड़ा, सहसपुरा, खगोई, हरोड़ा रोड, बहादुरगढ़, डेरा कुटी, सलारपुर, सिखेड़ा, अठसैनी, दौताई, पौपाई आदि गांवों में बंदरों का आतंक है। इन क्षेत्रों में बंदर आने-जाने वाले यात्रियों, बच्चों और महिलाओं पर हमला बोल कर उन्हें घायल कर रहे हैं। इन घटनाओं के साथ-साथ बंदर खादर और अन्य गांवों में सब्जी, गन्ना, धान और गेहूं की फसलों को भी नष्ट कर रहे हैं। बंदरों के इस आतंक से निजात पाने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा अधिकारियों को शिकायती पत्र भी दिए गए हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए प्रभागीय वनाधिकारी ने क्षेत्रीय वन अधिकारी अरुण कुमार को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि गांव खागोईं से बंदरों को दस दिन में पकड़कर हस्तिनापुर वन्य जंतु विहार की सीमा में सुरक्षित छोड़ दिया जाए। बंदरों को विशेषज्ञों द्वारा पकड़ने एवं निर्दिष्ट स्थान पर छोड़े जाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की होगी। बंदरों को पकड़ने में होने वाला खर्चा ग्राम पंचायत द्वारा वहन किया जाएगा। इस दौरान उनका चिकित्सकीय परीक्षण करा कर रिपोर्ट वन विभाग को दी जाएगी। इस कार्रवाई को पूरा करने के लिए अधिकारियों द्वारा दस दिन का समय दिया गया है।