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अलविदा 2020 : चुनौतीपूर्ण रहा कोरोना काल, कोरोना योद्धाओं के नाम रहा यह वर्ष

जागरण संवाददाता हापुड़ वर्ष 2020 के खत्म होने में अब महज कुछ ही दिन बचे हुए हैं। यह स

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 08:14 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 08:14 PM (IST)
अलविदा 2020 : चुनौतीपूर्ण रहा कोरोना काल, कोरोना योद्धाओं के नाम रहा यह वर्ष
अलविदा 2020 : चुनौतीपूर्ण रहा कोरोना काल, कोरोना योद्धाओं के नाम रहा यह वर्ष

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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वर्ष 2020 के खत्म होने में अब महज कुछ ही दिन बचे हुए हैं। यह साल कोविड-19 संक्रमण के चलते इतिहास में अपनी पहचान बनाने जा रहा है। कई दशकों बाद ऐसी महामारी ने दुनिया को चपेट में लिया। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई। जो विभाग के लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन, स्वास्थ्य कर्मियों के जज्बे को सभी ने सलाम किया। पूरा वर्ष स्वास्थ्य विभाग के कोरोना योद्धाओं के नाम रहा। यह कोरोना काल स्वास्थ्य विभाग को बड़ी सीख भी देकर गया है। जिसके बाद कुछ हद तक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारा गया है। आनन-फानन में जिला अस्पताल को भी शुरू करा दिया गया है। वहीं, इस साल जनपदवासियों को पिलखुवा के रेलवे रोड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस यूनिट की भी सौगात मिल गई है।

इस वर्ष विभाग में कई बदलाव देखने को जरूर मिले लेकिन, अभी कई स्तर पर सुधार होने की आवश्यकता है। विशेषकर, ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सा देना इसमें शामिल होना है। हालांकि, इस वर्ष कोरोना काल में साफ-सफाई को लेकर लोग जागरूक हुए। यही कारण रहा कि डेंगू और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारी का असर जनपद में अधिक देखने को नहीं मिला है। इस वर्ष जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान काफी हद तक सफल रहा। कोरोना काल में इस अभियान के अंतर्गत डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के साथ-साथ कोरोना की रोकथाम करने के लिए भी लोगों को जागरूक किया गया।

लोगों को मास्क लगाने और सैनिटाइजर का प्रयोग करने पर जोर दिया गया। इस कारण कोरोना पर भी लगाम लगाकर रखी जा सकी। वहीं, कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम करने के लिए सरकारी अस्पतालों की भी ओपीडी बंद कर दी गई। केवल आपातकालीन सेवाएं ही बहाल रहीं। हापुड़ के गढ़ रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को करीब दो माह के लिए 15 बेड के आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया। वहां तैनात चिकित्सकों की ड्यूटी कोठी गेट स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय में लगा दी गई।

कोरोना की रोकथाम के लिए जनपद में नौ क्यूविक एक्सन टीम का गठन किया गया। इस टीम को जहां कोरोना के संदिग्ध मरीज की सूचना मिलती, वह तत्काल वहां पहुंचकर मरीज की जांच करती रही। जनपद में डोर-टू-डोर अभियान चलाकर कोरोना का सर्वे कराया गया। जिसमें चिकित्सकों की टीमों ने लोगों के घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच समेत उनका डाटा एकत्र किया। कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रेखा शर्मा ने शुरू से ही कड़ी निगाह बनाए रखी। इसी बीच वह खुद भी और उनकी टीम के कई अधिकारी व कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। करीब चार माह तक रेबीज के इंजेक्शन की भी किल्लत देखने को मिली। वहीं इस वर्ष भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की किल्लत रही।

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दस्तोई रोड पर शुरू हुआ जिला अस्पताल --

इस वर्ष दस्तोई रोड स्थित जिला अस्पताल को शुरू करा दिया गया है। अभी वहां सात चिकित्सकों की ही तैनाती की गई है। लेकिन, अभी किसी प्रकार की आधुनिक मशीन नहीं लग सकी है। इसके अलावा 33 विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी अधिकारियों द्वारा शासन से मांग की गई है।

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कोरोना वैक्सीन की उम्मीद --

कोरोना वैक्सीन आने की भी आस लगाई जा रही है। इसलिए सरकार के आदेश के बाद जनपद की सभी कोल्ड चेन को दुरुस्त करा दिया गया है। शासन स्तर से चिकित्सकों को कोरोना की वैक्सीन लगाने का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

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स्वास्थ्य कर्मी कोरोना योद्धाओं का हुआ स्वागत

इस वर्ष कोरोना काल के चलते स्वास्थ्य कर्मी कोरोना योद्धाओं के रूप में सबसे सामने निकलकर आए। उनकी इस मेहनत को देखते हुए लोगों ने भी उनका बढ़-चढ़कर स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनका फूल मालाओं और पुष्प वर्षा कर जनपद में प्रतिदिन स्वागत किया गया।

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इस वर्ष यह मिलीं सुविधाएं -

- पिलखुवा के रेलवे रोड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दिसंबर माह में ही डायलिसिस यूनिट में सेवाएं प्रारंभ करा दी गईं।

- दस्तोई रोड स्थित नवनिर्मित जिला अस्पताल में सात चिकित्सकों द्वारा ओपीडी शुरू करा दी गई।

- जिला अस्पताल को पूर्ण रूप से सुचारू करने के लिए शासन से 33 विशेषज्ञ चिकित्सकों समेत अन्य स्टाफ की मांग की गई।

- जिला अस्पताल के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास आधुनिक मशीन आना शुरू हुईं।

- जिला अस्पताल में कोरोना के चलते सौ बेड स्थापित करा दिए गए। कुछ दिनों के लिए यहां पर आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया था।

- केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान योजना के अंतर्गत जनपद के दो और अस्पतालों को जोड़ा गया है। अब जनपद में योजना के अंतर्गत सात अस्पताल हो गए हैं।

- प्रत्येक माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धौलाना व गढ़मुक्तेश्वर में गर्भवती महिलाओं हेतु अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा दी गई है।

- इस वर्ष अलग ढंग से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान जनपद में चलाया गया। अभियान के अंतर्गत लोगों को कोरोना से बचाव के लिए उन्हें जागरूक किया गया।

- कोरोना काल में सरस्वती मेडिकल कालेज को स्तर तीन का अस्पताल घोषित किया गया। जनपद के गंभीर कोरोना के मरीजों का इसी अस्पताल में उपचार कराया जा रहा है।

- जीएस मेडिकल कालेज को स्तर द्वितीय का अस्पताल घोषित किया गया। इस अस्पताल में कोरोना के कम लक्षण वाले मरीजों का उपचार कराया जा रहा है।

- जल्द वैक्सीन आने की उम्मीद में जनपद की सभी कोल्ड चेन को अधिक व्यवस्थित कर उनके पावर बेकअप की भी सुविधा दुरुस्त करा दी गई है।

- वैक्सीन के रखरखाव के लिए शासन स्तर से रेफ्रीजिरेटर भी भेजे गए हैं।

- वैक्सीनेशन के लिए स्थानों को चिन्हित कर शासन को भेजा गया डाटा।

- पहले चरण में कोरोना की वैक्सीन लगाने के लिए जनपद के 7181 निजी और सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों का डाटा एकत्र कर शासन को भेजा गया है।

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अधिकारी कहिन --

पिलखुवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलेसिस यूनिट को शुरू करा दिया गया है। इसके अलावा जिला अस्पताल में जल्द ही सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। कोशिश की जा रही है कि कोरोना पर जल्द ही लगाम लगा ली जाए। विभाग की कोशिश है कि जिलेवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाए। - डॉ. रेखा शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी


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