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देखभाल कर्मी के अभाव में सचिव ने खोल दिए बेसहारा पशु

खेतों में खड़ी फसलों को नष्ट कर रहे आवारा पशुओं को लेकर किसान हाहाकार कर रहे हैं लेकिन गांव श्यामपुर जट के सचिव जैसे सरकारी नुमाइंदे सरकार के आदेशों को पलीता लगा रहे हैं। ग्राम सचिव ने देखभाल करने वाला कर्मचारी न मिलने के चलते पशुओं को जंगल में छोड़ दिया। टैगिग करने चिकित्सक पहुंचे तो वहां एक भी पशु नहीं मिला। चिकित्सक ने बीडीओ सिभावली को रिपोर्ट भेज दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 07:59 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 06:16 AM (IST)
देखभाल कर्मी के अभाव में सचिव ने खोल दिए बेसहारा पशु
देखभाल कर्मी के अभाव में सचिव ने खोल दिए बेसहारा पशु

जागरण संवाददाता, हापुड़ : खेतों में खड़ी फसलों को नष्ट कर रहे बेसहारा पशुओं को लेकर किसान परेशान हैं, लेकिन गांव श्यामपुर जट के सचिव ने सरकार के आदेशों को धज्जियां उड़ा रहे हैं। ग्राम सचिव ने देखभाल करने वाला कर्मचारी न मिलने के चलते पशुओं को जंगल में छोड़ दिया। टैगिग करने चिकित्सक पहुंचे तो वहां एक भी पशु नहीं मिला। चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर बीडीओ सिभावली ने ग्राम सचिव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।

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श्यामपुर जट स्थित कार्यालय के पशु चिकित्साधिकारी डॉ. निलय कुमार ने बताया कि ग्राम पंचायत मुजफ्फरा-बागड़पुर में बेसहारा गौवंशों के लिए आश्रय का निर्माण हुआ है। गौ आश्रय स्थल का काम पूरा होने पर गौ आश्रय स्थल में ग्राम में आवारा घूम रहे 25 गौवंश को रखा जाना था। 16 मार्च 2019 को ग्राम सचिव धर्मेंद्र सिंह ने उन्हें बताया था कि 25 में से आठ गौवंश आश्रय स्थल

में पहुंचा दिए हैं। इसी दौरान ग्राम सचिव को शेष आवारा पशुओं को आश्रय स्थल पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद 19 मार्च को गौआश्रय स्थल पहुंचने पर वहां कोई पशु नहीं मिला।

इस संबंध में जब ग्राम सचिव धर्मेंद्र सिंह से फोन पर बात की तो उन्होंने पशुओं की देखभाल करने वाला कोई व्यक्ति न मिलने का हवाला दिया। साथ ही बताया कि इसलिए पशुओं को खोल दिया गया है। जल्द ही उन्हें आश्रय स्थल पर पहुंचा दिया जाएगा।

पशु चिकित्सक का आरोप है कि कई बार कहने के बाद भी ग्राम सचिव ने अभी तक एक भी पशु को आश्रय स्थल पर नहीं पहुंचाया है। जबकि आश्रय स्थल में पशुओं के भरण पोषण के लिए ग्राम सचिव की मांग पर 45 हजार रुपये आश्रय स्थल के बैंक खाते

में भेजे जा चुके हैं। उन्होंने खंड विकास अधिकारी सिभावली और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को रिपोर्ट भेजते हुए भविष्य में किसी भी विषम परिस्थिति के लिए ग्राम सचिव की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। ग्राम सचिव धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि गौवंशों के लिए व्यवस्था न होने के कारण उन्हें छोड़ दिया था। जल्द ही उन्हें पकड़कर गौ आश्रय स्थल पर रखा जाएगा। ग्राम सचिव की लापरवाही सामने आई है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का पत्र मिला है। ग्राम सचिव धर्मेंद्र सिंह को नोटिस जारी कर स्पष्टिकरण मांगा है। जबाव मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

प्रेम चंद- खंड विकास अधिकारी, सिभावली


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