मालिक के प्रति वफादारी बनी कन्हैयालाल का काल
गैस एजेंसी गोदाम पर गार्ड की नौकरी करने वाले कन्हैया लाल को नहीं पता था कि मालिक के प्रति वफादारी ही उसकी मौत का कारण बन जाएगी। करीब आठ माह पहले कन्हैया ने साथी कर्मचारी ललित द्वारा सिलेंडरों में की गई हेराफोरी की शिकायत मालिक से कर दी थी। ललित के घर से लापता होने पर परिजन ने मालिक के खिलाफ की कोतवाली में अपहरण की तहरीर दी थी लेकिन बाद में वह घर लौट आया था। इसके बाद आरोपित ने कन्हैया लाल की
केशव त्यागी, हापुड़:
गैस एजेंसी गोदाम पर गार्ड की नौकरी करने वाले कन्हैयालाल को पता नहीं था कि मालिक के प्रति वफादारी ही उसकी मौत का कारण बन जाएगी। करीब आठ माह पहले कन्हैया ने साथी कर्मचारी ललित द्वारा सिलेंडरों में की गई हेराफेरी की शिकायत मालिक से कर दी थी। ललित के घर से लापता होने पर परिजन ने मालिक के खिलाफ कोतवाली में अपहरण की तहरीर दी थी, लेकिन बाद में वह घर लौट आया था। इसके बाद आरोपित ने कन्हैया लाल की हत्या का प्लान बनाना शुरू कर दिया था।
कोतवाली प्रभारी महावीर सिंह ने बताया कि नगर के रेलवे रोड निवासी गैस एजेंसी संचालक के पास कन्हैया लाल नौकरी करता था। अपनी ईमानदारी और वफादारी के कारण वह मालिक का बेहद करीबी कर्मचारी था। ईमानदारी से खुश होकर मालिक ने उसे गैस गोदाम पर सिलेंडरों की देखरेख व रात के समय चौकीदारी का काम दे दिया था। कन्हैया के साथ गांव सबली निवासी ललित भी काम करता था। ललित गोदाम से सिलेंडरों की होम डिलीवरी का काम करता था। करीब आठ माह पहले ललित ने कुछ सिलेंडरों में हेराफेरी कर दी। इसकी शिकायत कन्हैया लाल ने अपने मालिक से की थी।
मालिक ने ललित को फटकार लगाते हुए नौकरी से निकाल दिया था। इसके बाद वह संदिग्ध परिस्थितियों में घर से लापता हो गया। ललित की मां ने मालिक के खिलाफ उसका अपहरण करने के संबंध में तहरीर दी थी। मामले की जांच के दौरान वह खुद ही घर लौट आया था। मालिक से माफी मांगकर किसी तरह उसने दोबारा नौकरी शुरू कर दी। अपमान का बदला लेने के लिए उसने कन्हैयालाल की हत्या करने की बात ठान ली। ललित ने दोबारा कन्हैया लाल का भरोसा जीतने के लिए उसके साथ रहना शुरू कर दिया। अक्सर दोनों एक साथ बैठकर शराब का सेवन करने लगे, लेकिन ललित के अंदर सुलग रही बदले की आग दिन प्रतिदिन बढ़ती चली गई।
30 जून की शाम ललित ने गैस एजेंसी पर काम करने वाले उसके दोस्त आकाश, दुलीचंद उर्फ पवन, अमित उर्फ देवा और मोंटी उर्फ मनीष को दिल्ली रोड स्थित प्रीत विहार में बुलाया। उसने अपने साथियों से कन्हैया लाल की हत्या करने की बात कही। जिसके बाद सभी ने शराब का सेवन किया। आरोपित शराब लेकर गैस गोदाम पर ड्यूटी दे रहे कन्हैया लाल के पास पहुंच गए। ललित ने कन्हैयालाल को अधिक मात्रा में शराब पिला दी। जिसके बाद सभी ने मिलकर कन्हैया लाल की गला दबाकर हत्या कर दी।