Hapur Flood ALERT! हापुड़ में रौद्र रूप में फिर आई गंगा, गांवों की तरफ बढ़ रहा जलस्तर
Hapur Flood ALERT! हापुड़ में बाढ़ जैसे हालात बनने से हड़कंप मचते ही तहसील प्रशासन के अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचकर लाेगों से संपर्क कर रहे हैं।
गढ़मुक्तेश्वर [प्रिंस शर्मा]। एक बार फिर से खतरे के निशान की तरफ गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। इससे हजारों हेक्टेयर जंगल में खड़ी फसलों को लबालब करते हुए गांवों की आबादी से जुड़े रास्तों में पानी पहुंचा चुका है। जिससे खादर क्षेत्र के गांवों में चौतरफा दहशत फैल गई है। बाढ़ जैसे हालात बनने से हड़कंप मचते ही तहसील प्रशासन के अधिकारी प्रभावित गांवों में पहुंचकर लाेगों से संपर्क कर रहे हैं। हालांकि, प्रशासनिक स्तर से फिलहाल बाढ़ जैसी कोई भी स्थिति उत्पन्न न होने का दावा किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पिछले तीन दिन से गंगा का जलस्तर कम हो रहा था। लेकिन, बुधवार देर रात को बिजनौर बैराज से 74 हजार 773 क्यूसेक व हरिद्वार बैराज से सात हजार 144 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बृहस्पतिवार को जंगल में हर तरफ पानी भर गया। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर समुद्र तल से 198.60 मीटर मापा गया। जिसके बाद अब गंगा खतरे के निशान से 73 सेंटीमीटर दूर रह गई है। यह देखकर खादर क्षेत्र के ग्रामीणों में दहशत फैल गई। चौतरफा पानी से घिरे गांव नयागांव, कुदैनी मढैया, रेतावाली मढैया, कल्याण वाली मढैया समेत आठ से भी अधिक गांवों के लोग अपने परिवार और पशुओं समेत घरेलू सामान के साथ सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए कदम उठा रहे हैं।
बता दें कि जलस्तर में बढ़ोतरी होने से गंगा का रौद्र रूप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे तहसील प्रशासन में हड़कंप मच गया है। एसडीएम विजय वर्धन तोमर और तहसीलदार सुरेंद्र सिंह ने खादर क्षेत्र का दौरा कर कई बाढ़ संभावित गांवों की आबादी समेत जंगल की स्थिति का जायजा लिया। एसडीएम का कहना है कि अभी तक गंगा नदी खतरे के निशान को नहीं लांघ पाई है। जिससे बाढ़ जैसी कोई स्थिति नहीं है। लेकिन, फिर भी अहतियात के तौर पर निचले जंगल में बसे गांवों को पूरी तरह चौकस रहने की हिदायत दी गई है। जबकि, बाढ़ की आशंका से खौफजदा कई परिवार तहसील प्रशासन द्वारा लगाई गई नावों में सवार होकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे।