कोहरे ने फिर धीमी की रेलगाड़ियों की रफ्तार
रेलवे अधिकारियों के लाख प्रयासों के बाद भी रेलगाड़ियों की चाल में सुधार नहीं हो रहा। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी तो सिर्फ कोहरे का आगाज है। ऐसे में रेलगाड़ियां घंटों की देरी से संचालित हो रही है। आने वाले दो महीनों में तो रेलगाड़ी का सफर ही मुश्किल भरा हो सकता है। शनिवार को भी एक दर्जन एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से पहुंची। जिस कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
जागरण संवाददाता, हापुड़
रेलवे अधिकारियों के लाख प्रयासों के बाद भी रेलगाड़ियों की चाल में सुधार नहीं हो रहा। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी तो सिर्फ कोहरे का आगाज है। ऐसे में रेलगाड़ियां घंटों की देरी से संचालित हो रही है। आने वाले दो महीनों में तो रेलगाड़ी का सफर और भी मुश्किल भरा हो सकता है। शनिवार को भी एक दर्जन एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों की देरी से पहुंची। जिस कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
स्टेशन अधीक्षक मुनीराम मीना ने बताया कि शनिवार को रक्सौल से चलकर आनंद विहार जाने वाली सछ्वावना एक्सप्रेस करीब डेढ़ घंटे, फैजाबाद से चलकर पुरानी दिल्ली स्टेशन जाने वाली फैजाबाद एक्सप्रेस साढ़े चार घंटे, बनारस से नई दिल्ली जाने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस छह घंटे, प्रतापगढ़ से पुरानी दिल्ली स्टेशन जाने वाली पद्मावत एक्सप्रेस चार घंटे, इलाहाबाद से सहारनपुर जाने वाली नौचंदी एक्सप्रेस पांच घंटे की देरी से पहुंची।
इसके अलावा सुल्तानपुर से आनंद विहार जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से साढ़े तीन घंटा, मुरादाबाद से आनंद विहार की ओर जाने वाली मेमू ढाई घंटा, सरयू-यमुना एक्सप्रेस चार घंटा, बरेली से नई दिल्ली की ओर जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस डेढ़ घंटा, बरेली से भुज की ओर जाने वाली आला-हजरत एक्सप्रेस सवा घंटा, इलाहाबाद से मेरठ सिटी की ओर जाने वाली संगम एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से साढ़े तीन घंटे की देरी से पहुंची।
स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि कोहरे के कारण यह ट्रेनें देरी से पहुंच रही है। ट्रेन चालकों को फॉग डिवाइस और बचाव के अन्य उपकरण मुहैया करा दिए गए हैं। प्रयास है कि जल्द ही स्थिति में सुधार होगा।