लोगों को ठगने वाले गिरोह के पांच नटवरलाल गिरफ्तार, दो फरार
जागरण संवाददाता हापुड़ कोतवाली पुलिस ने ठगी वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। विभि
जागरण संवाददाता, हापुड़
कोतवाली पुलिस ने ठगी वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। विभिन्न प्रकार का प्रलोभन देकर आरोपित पिछले चार वर्षों से लोगों से ठगी करते आ रहे हैं। एक माह पहले आरोपितों ने थाना हाफिजपुर क्षेत्र के गांव नान निवासी वृद्ध का चैक नगर स्थित एक बैंक के बॉक्स से 2.93 लाख चोरी कर लिए थे। मंगलवार सुबह आनंद विहार स्थित एक फ्लैट से पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो आरोपित मौके से फरार हो गए। मौके से 2.70 लाख की नकदी, एक कार, दो बाइक, दो लैपटाप, एक प्रिटर, 24 मोबाइल फोन, 8 चैक बुक, 12 एटीएम कार्ड, 14 बैंक पास बुक, 14 आधार कार्ड व 50 से अधिक आधार कार्ड की फोटो कापी बरामद हुईं हैं।
एसपी संजीव सुमन ने बताया कि मंगलवार सुबह मुखबिर की सूचना पर थाना प्रभारी सुबोध सक्सेना, उपनिरीक्षक नीटू मलिक, शुभम चौधरी ने आनंद विहार स्थित एक फ्लैट छापा मारकर ठगी करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया, जबकि दो आरोपित फरार हो गए। आरोपित जनपद गाजियाबाद के थाना विजयनगर क्षेत्र के क्वाटर डूडा कॉलोनी निवासी धीरज उर्फ दीपक, कोतवाली घंटाघर क्षेत्र के मोहल्ला कोटगांव निवासी राहुल, थाना विजयनगर क्षेत्र के कैलाश नगर निवासी विनय, प्रताप विहार निवासी संदीप उर्फ गौरव यादव व सिद्धार्थ नगर निवासी राहुल पुत्र अशोक हैं। जबकि थाना विजयनगर क्षेत्र के कृष्णा नगर निवासी दिनेश व अज्ञात निवासी विकास मौके से फरार हो गए। ऐसे देते हैं ठगी को अंजाम
- एसपी ने बताया कि गिरोह का मास्टर माइंड धीरज है। वह गरीब लोगों को खाता खुलवाने के नाम पर पांच हजार देने का झांसा देकर आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज एकत्र करता है। आधार कार्ड में व्यक्ति का पता बदल दिया जाता है। इसके बाद आधार कार्ड के जरिए पर बैंक में खाता खुलवाकर चेक बुक व एटीएम कार्ड प्राप्त कर लेता है। विनय और राहुल इन खातों के आधार पर फर्जी कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराकर जीएसटी नंबर प्राप्त करते हैं। संदीप व दिनेश लोन दिलाने, नौकरी दिलाने व अन्य प्रकार के प्रलोभन देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। झांसे में आने वाले लोगों से आरोपितों सुविधा शुल्क के नाम पर मोटी रकम इन खातों में डलवा लेते हैं। इसके अलावा राहुल पुत्र अशोक इन कंपनियों द्वारा बैक डेट में खरीद-फरोख्त के जीएसटी संबंधी बिल व्यापारियों को उपल्बध कराते हैं। इसकी ऐवज में व्यापारियों से मोटा कमीशन लिया जाता है, वहीं विकास विभिन्न बैंकों में जाकर वहां रखे बाक्स से चेक चोरी करते थे। इन चेक को फर्जी तरीके से खातों में लगाकर रकम निकाल ली जाती है। आरोपितों ने ही ग्राम नान निवासी रामौतार का चैक चोरी कर 2.93 लाख रुपये निकाल लिए थे। गिरोह के सदस्यों ने बताया कि पिछले चार वर्षों से वह लोगों को विभिन्न प्रलोभन देकर ठगी करते आ रहे हैं। मोबाइल फोन पर ही गिरोह के सभी सदस्यों के बीच बातचीत होती थी। हर किसी का काम अलग-अलग था। मंगलवार को पहली बार गिरोह के सभी सदस्य आनंद विहार स्थित एक फ्लैट पर मिलने के लिए जमा हुए थे, जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।