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नकली पावर बैंक बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश, स्कूल संचालक सहित तीन गिरफ्तार

नामी कंपनी के नाम पर फर्जी पावर बैंक बनाने की सूचना पर पुलिस ने मौके पर दबिश दी और तीन लोगों को मौके से रंगेहाथों पावर बैंक तैयार करते हुए गिरफ्तार किया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 05:04 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 05:04 PM (IST)
नकली पावर बैंक बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश, स्कूल संचालक सहित तीन गिरफ्तार
नकली पावर बैंक बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश, स्कूल संचालक सहित तीन गिरफ्तार

पिलखुवा [संजीव वर्मा]। प्रसिद्ध कंपनियों के नाम पर नकली पावर बैंक बनाने वाली फैक्ट्री का कोतवाली पुलिस ने पर्दाफाश किया है। मामले में स्कूल संचालक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं। मौके से लाखों की कीमत के नकली पावर बैंक एवं उपकरण बरामद हुए है। आरोपित नकली पावर बैंक बनाकर उस पर प्रसिद्ध कंपनियों के टैग लगा देते थे। पावर बैंक असली दिखाई दें इसके लिए मोबाइल फोन की खराब बैट्री और चिकनी मिट्टी भर दी जाती थी। जिससे उसका वजन बढ़ जाता था। एक या दो घंटे वह पावर बैंक चलता था उस बाद वह काम करना बंद कर दिया करता था

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दिल्ली-एनसीआर में होती थी सप्लाई

आरोपितों द्वारा दिल्ली की लाजपत नगर मार्केट के अलावा दिल्ली-एनसीआर में दुकानों एवं रेहड़ी वालों को इन नकली पावर बैंक की सप्लाई की जाती थी। गिरफ्तार तीनों आरोपित संगे भाई है। पालिका के एक सभासद के रिश्तेदार बताए गए है। पुलिस सभासद की भी भूमिका संदिग्ध मनाते हुए जांच कर रही है।

तीन लोगों को बनाते हुए किया गिरफ्तार

पुलिस क्षेत्राधिकारी डाॅ. तेजवीर सिंह के मुताबिक सोमवार रात पुलिस को सूचना मिली कि सद्दीकपुरा कॉलोनी में स्थित एक मकान में नकली पावर बैंक बनाने का धंधा चल रहा है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर दबिश दी और तीन लोगों को मौके से रंगेहाथों पावर बैंक तैयार करते हुए गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपितों में सादाब, फरमान और आदिल है। जबकि एक आरोपित इमरान फरार हो गया। चारों आरोपित संगे भाई हैं।

कई सामान हुए बरामद

मौके से 12 पेटी पावर बैंक की बाड़ी, दो पेटी मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाली बैट्री, सात पैकेट चिकनी मिट्टी बरामद हुई। इसके अतिरिक्त सैकड़ों की संख्या में प्रसिद्ध विभिन्न कंपनियों के नाम से तैयार किए गए पावर बैंक बरामद हुए। पावर बैंक को तैयार करने वाले उपकरण लेमिलेशन मशीन, कैंची, पावर बैंक रेपर, बिजली बोर्ड, डाटा केबिल, पावर बैंक को ऑन ऑफ करने वाले बटन आदि बरामद किए गए। गिरफ्तार आरोपितों ने मार्च माह में ही यह गोरखधंधा शुरू किया था। तैयार पावर बैंक की सप्लाई स्थानीय मोबाइल विक्रेताओं के अलावा दिल्ली की लाजपत राय मार्केट एवं दिल्ली-एनसीआर में सस्ते पावर बैंक बताकर की जाती थी।

कैसे करते थे पावर बैंक तैयार

दिल्ली से कबाड़ में मोबाइल फोन की खराब बैट्री, पावर बैंक की बाड़ी खरीद लाते थे। इसके बाद करंट के झटके देकर बैट्री को एक दो घंटे तक चलने लायक बना दिया करते थे। बाड़ी में सर्किट लगाकर उसे खराब बैट्री से जोड़ देते थे। बाद में बैट्री के नीचे चिकनी मिट्टी भर देते थे। जिससे उसका वजन बढ़ जाता था। इसके बाद प्रसिद्ध कंपनियों के डिब्बे में उस पावर बैंक को पैक करते थे। जिससे वह असली पावर बैंक दिखाई देता था। ग्राहक जब उस पावर बैंक को लेकर ऑन-ऑफ करता था तो वह काम करता था। लेकिन, दो घंटे बाद वह पावर बैंक काम करना बंद कर दिया करता था।

आरोपित कर रहा था सिविल सर्विस की तैयारी

गिरफ्तार आरोपितों में फरमान स्कूल संचालक है। आदिल बीएससी करने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। सादाब कक्षा 12वीं का छात्र हैं। मामले में लिप्त आरोपित नगर पालिका परिषद के एक सभासद के रिश्तेदार बताए गए है। मामले में दिन भर आरोपितों को छुड़वाने के लिए नेताओं और कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा भी थाना प्रभारी निरीक्षक को फोन किया गया, लेकिन पुलिस ने किसी की नहीं सुनी। मामले में पुलिस की तरफ से आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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