जांच के बाद गन्ना विभाग ने निरस्त किए 1758 फर्जी बांड
जागरण संवाददाता, हापुड़ : चीनी मिल पर गन्ना बेचने के लिए ले जाने के लिए किसान को को अपना नंबर पाने को
जागरण संवाददाता, हापुड़ : चीनी मिल पर गन्ना बेचने के लिए ले जाने के लिए किसान को को अपना नंबर पाने को एक-एक पर्ची के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। कई बार तो पर्ची नहीं मिलने के कारण वह अपना गन्ना चीनी मिल पर नहीं ले जाता पाता है और उसे क्रेशरों पर गन्ना डालना पड़ता है। प्रति वर्ष चीनी मिल और किसानों के बीच समझौता होता है इसके लिए बांड तैयार किया जाता है। इस बांड में किसान को उसकी गन्ने की फसल के क्षेत्रफल के अनुसार पर्चियां दी जाती हैं। इस वर्ष बांड बनाए जाने की प्रक्रिया की जांच के दौरान 1758 फर्जी बांड मिले, जिन्हें निरस्त कर दिया गया। ये बांड मृत हो चुके किसानों और भूमिहीनों के नाम से जारी किया गया था।
गन्ना विभाग पेराई सत्र शुरू कराने से पहले प्रत्येक वर्ष जिले में गन्ने के क्षेत्रफल की जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वेक्षण कराता है। इस वर्ष भी सर्वेक्षण कराया गया। जनपद में 325 गांव में 53428 गन्ना किसान हैं। सर्वेक्षण में पता चला कि 646 मृतकों, 137 भूमिहीनों के नाम से बांड बनवाए गए थे। इसके अलावा 96 किसानों के नाम दो बांड बना दिए गए और 879 बांड अवैध मिले हैं। इससे पहले वर्षों में भी मृतक किसानों और भूमिहीन किसानों के नाम से फर्जी तरीके से बांड बनवाने का खेल सामने आया है ताकि उन्हें अधिक पर्ची मिल सकें। यह भी जानकारी मिली कि गन्ना किसान की मौत के बाद मृतक का बांड बंद किए बिना दूसरा बांड बनवा लिया जाता है।
----------- क्या कहते हैं जिला गन्ना अधिकारी
मृतक किसानों और भूमिहीनों के नाम से बांड मिले हैं। इसके अलावा जांच में अवैध और दोहरे बांड सामने आए हैं। इन सभी को निरस्त कर दिया गया है। गन्ना किसानों को किसी तरह की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उन्हें समय से पर्ची उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। --ओ.पी. ¨सह, जिला गन्ना अधिकारी