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निर्माण कार्यो ने नहीं पकड़ी रफ्तार, फैक्ट्रियों में पड़ा है स्टॉक

जिले में उद्यमी व कामगार मिलकर फैक्ट्रियों को चला रहे हैं लेकिन फिलहाल पुराना स्टॉक व नया माल भी बाजार में नहीं बिक रहा है। इसके पीछे वजह है कि फिलहाल पूरी तरह से बाजार नहीं खुल सके हैं। निर्माण कार्य भी कम ही चल रहे हैं जिससे सरिया व एंगल आदि बनाने वाले उद्योग बुरी तरह से प्रभावित है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 May 2020 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 06:04 AM (IST)
निर्माण कार्यो ने नहीं पकड़ी रफ्तार, फैक्ट्रियों में पड़ा है स्टॉक
निर्माण कार्यो ने नहीं पकड़ी रफ्तार, फैक्ट्रियों में पड़ा है स्टॉक

शामली, जेएनएन। जिले में उद्यमी व कामगार मिलकर फैक्ट्रियों को चला रहे हैं, लेकिन फिलहाल पुराना स्टॉक व नया माल भी बाजार में नहीं बिक रहा है। इसके पीछे वजह है कि फिलहाल पूरी तरह से बाजार नहीं खुल सके हैं। निर्माण कार्य भी कम ही चल रहे हैं, जिससे सरिया व एंगल आदि बनाने वाले उद्योग बुरी तरह से प्रभावित है।

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कोविड-19 के प्रकोप से बचाव के लिए जिले में लॉकडाउन का पालन कराया जा रहा है। शुरूआती दौर में जिलाधिकारी जसजीत कौर के निर्देश पर पांच दर्जन उद्योगों का संचालन किया गया था। जिसमें आधे स्टाफ के साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नियमानुसार कार्य चल रहा था। वर्तमान में जिले में करीब 200 फैक्ट्रियों का संचालन किया जा रहा है। जिले के कामगारों को रोजगार देने के साथ ही राजस्व को भी लाभ होने की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल हालात ठीक नहीं दिख रहे है। उद्योगों में माल का उत्पादन तो किया जा रहा है, लेकिन उसकी खपत नहीं हो रही हैं। बाजार बंद होने से माल की सप्लाई नहीं की जा रही है। फैक्ट्रियों में ही तैयार होकर रह गया है। उद्यमियों ने स्पष्ट किया है कि यदि जल्द ही बाजारों में माल सप्लाई की व्यवस्था के लिए बाजार नहीं खुले तो फिर से उद्योग बंदी के कगार पर पर पहुंच जाएगे। लोहा उद्योग व बर्तन उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित दिख रहे हैं। सरिया व इंगल की डिमांड नहीं है। सरिया और पाइप की बिक्री न होने से मुश्किल

जिले में वर्तमान में रिम धुरा, पेपर मिल, फर्टिलाइजर्स, टायर निर्माण के उद्योग चलाए जा रहे है। यहां बर्तन व आइसक्रीम का समान बनाने वाली 80 फैक्ट्रियां बंद पड़ी है। वहीं सरिया व पाइप बनाने वाला उद्योग भी ठप ही हैं, क्योंकि यहां स्टॉक पहले से ही रखा है। जिले में निर्माण कार्य नहीं हो रहा है। जिसके चलते इसकी डिमांड भी न के बराबर ही है।

इन्होंने कहा..

करोड़ों का माल बनकर स्टाक में तैयार पडा है, लेकिन यह माल बाजार न खुलने से सप्लाई नहीं हो रहा है। प्रशासन ने उद्योग तो शुरू करा दिए हैं, लेकिन निर्माण कार्य अभी बंद होने से आखिर कब तक माल तैयार किया जा सकता है। उद्योगों को इस समय बडे़ मुश्किल हालात का सामना करना पड़ रहा है।

सुधीर बंसल, उद्यमी, शामली स्टील।


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