बुनकरों की आड़ में लाखों की सब्सिडी डकार रहे उद्यमी
जागरण संवाददाता हापुड़ जनपद में करीब सौ बुनकरों के बिलों में लाखों का फर्जीवाड़ा हो र
जागरण संवाददाता, हापुड़: जनपद में करीब सौ बुनकरों के बिलों में लाखों का फर्जीवाड़ा हो रहा है। इन कनेक्शनों पर टिवस्टर जैसी ज्यादा बिजली खपत वाली मशीनें लगी हुई हैं। जो पावरलूम कनेक्शन के दायरे में नहीं आती हैं। उधर, सब्सिडी का लाभ लेने के लिए उद्यमी बुनकरों के कनेक्शनों पर अधिक खपत वाली मशीनों का संचालन आपसी सांठगांठ से कर रहे हैं। जिससे लाखों का नुकसान जनपद में भी हो रहा है।
बुनकर उद्योग को रफ्तार देने और बुनकरों की मदद के लिए सरकार कई प्रकार से कदम उठा रही है। इसी के तहत बुनकरों को देय बिल में 140 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है। बुनकरों से वास्तविक दरों के मुकाबले मात्र दस फीसदी राशि ही ला जाती है। बाकी राशि का भुगतान सरकार खुद सब्सिडी के रूप में करती है। ऐसे में सस्ती दरों पर बिजली लेने के लिए उद्योगपति बुनकर बन गए हैं। जो बुनकर कनेक्शनों पर उन मशीनों का संचालन कर रहे हैं। जिससे बिजली की अधिक खपत हो रही है। पावरलूम कनेक्शनों पर टिवस्टर जैसी ज्यादा बिजली खपत वाली मशीनें बड़े स्तर पर लगी हुई हैं। बता दें कि बुनकरों को बिजली बिल में सरकार सब्सिडी दे रही है।
जनपद में दो सौ फैक्ट्री: जनपद में करीब दो सौ बुनकर श्रेणी के उपभोक्ता हैं। ऊर्जा निगम को सब्सिडी का भुगतान हथकरघा विभाग करता है। हथरघा विभाग के उच्च अधिकारी मेरठ में बैठकर ही जिले का संचालन भी कर रहे हैं।
निरीक्षण में मिली थीं खामियां: कुछ वर्ष पहले इसी प्रकार की चेकिग ऊर्जा निगम और हथरघा विभाग के अधिकारियों ने मिलकर की थी। जिसमें बड़े स्तर पर घोटाला सामने आया था।
यह है सब्सिडी का नियम: योजना के तहत 1 या 2 हार्स पावर की ही पावरलूम मशीनें लगाई जा सकती हैं। बावजूद इसके फैक्ट्रियों में धागे को टिवस्टर करने की कीमती मशीनें चल रही हैं। इनमें 20-60 हार्स पावर की मोटर लगी है। हापुड़ के रामगढ़ी जैसे इलाके और पिलखुवा में यह व्यापार सबसे अधिक होता है। विभागीय स्तर पर इसकी जांच कई बार हुई है। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाती है। इस प्रकार का मामला मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-मनोज कुमार, अधिशासी अधिकारी