चुनाव ड्यूटी कटवाने के लिए रोगी बने 50 कर्मचारी
लोकसभा चुनाव में तैनाती से बचने वाले कर्मचारियों ने रोगी बनकर अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन किया। मेडिकल बोर्ड द्वारा की गई जांच पड़ताल में 50 कर्मचारियों को स्वस्थ पाया।
जागरण संवाददाता, हापुड़:
लोकसभा चुनाव में तैनाती से बचने वाले कर्मचारियों ने रोगी बनकर अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए आवेदन किया। मेडिकल बोर्ड द्वारा की गई जांच पड़ताल में 50 कर्मचारियों को स्वस्थ पाया। मेडिकल बोर्ड ने 92 में से सिर्फ 42 मतदान कर्मियों की बीमारी को गंभीर मानते हुए ड्यूटी काटने संस्तुति की, जबकि 50 कर्मियों को मायूसी हाथ लगी।
बीमारी का बहाना बनाकर चुनाव में लगी अपनी ड्यूटी कटवाने वालों कर्मियों पर काफी सख्ती बरती गई। अंतिम दिन तक भी चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए कई कर्मियों ने काफी प्रयास किया, लेकिन मेडिकल बोर्ड ने सख्ती से जांच कर केवल गंभीर बीमारी वाले कर्मियों की ही चुनाव से ड्यूटी काटने की सिफारिश की। चुनाव से ड्यूटी कटवाने के लिए बीमारी का हवाला देने वालों की मेडिकल बोर्ड ने जांच की तो नतीजे चौंकाने वाले सामने आए। चुनावी ड्यूटी से मुक्ति पाने के लिए बुधवार को अंतिम दिन तक करीब 92 मतदान कर्मियों ने बीमारी का हवाला देकर अर्जी लगाई थी। मेडिकल बोर्ड द्वारा इन सभी की जांच किए जाने पर 92 में से 42 कर्मियों की ही ड्यूटी काटी गई। शेष 50 कर्मियों को ड्यूटी पर जाने के लिए रवाना होना पड़ा। जबकि अंतिम दिन बुधवार को छोटी बीमारियों वाले 45 कर्मियों को मेडिकल बोर्ड द्वारा दवाई दी गई।
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ड्यूटी नहीं कटने से रो पड़ी महिला कर्मी
ड्यूटी कटवाने की आशा में आई एक महिला कर्मी बुधवार को अंतिम दिन मेडिकल बोर्ड के सामने पहुंची। महिला कर्मी ने दोनों पैरों से चलने के लिए सपोर्टर पैड लगाए हुए थे। मेडिकल बोर्ड ने महिला कर्मी से उपचार के कागज मांगे, लेकिन कागज नहीं दिखा पाई। इस कारण बोर्ड ने उसकी ड्यूटी काटने से मना कर दिया। इसके बाद महिला फफक-फफक रोने लगी।