हैंडलूम नगरी में बारिश होने पर दीवारों पर दौड़ता हैं करंट, शिकायत के बाद भी समाधान नहीं
अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार ने कहा कि ऊर्जा निगम की बिजली लाइन आबादी से पहले की है। कुछ तंग गलियों में लोगों के विरोध के चलते पोल नहीं लग पाए थे। इसके चलते मकानों की दीवारों से लोहे के एंगल लगाकर लाइन बिछाई गई है।
पिलखुवा (हापुड़) [संजीव वर्मा]। ऊर्जा निगम के अधिकारियों की अनदेखी के कारण हैंडलूम नगरी में मकानों के बाहर तारों का मकड़जाल हैं। कई बार शिकायत होने के बावजूद अधिकारियों द्वारा आज तक समाधान नहीं निकाला गया है। लोगों का आरोप है कि अधिकारियों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। तभी समस्या का समाधान निकल पाएगा।
पिलखुवा चादर उद्योग के नाम से विख्यात है। छोटे-बड़े मिलाकर लगभग ढाई हजार कारखाने संचालित है। बावजूद इसके चलते शहर वासी मौत के साए में जी रहे है। ऊर्जा निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण बिजली की लाइन लोगों के मकानों की दीवार, छत से सटकर जा रही है। कई मकानों के बाहर तारों के झुंड बने हुए हैं। तेज हवा चलने पर तारों से चिंगारी निकलने लगती हैं। कई बार बारिश होने पर जर्जर तारों के कारण मकानों की दीवारों पर करंट दौड़ने लगता हैं।
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण लोग कमरों में कैद रहने को मजबूर हैं। मकान की छत और बालकनी में लोगों ने आना-जाना बंद कर दिया है। रेलवे रोड, गांधी बाजार, किशनगंज, सद्दीकपुरा, उमराव सिंह मार्केट में बिजली पोल नहीं होने के कारण लाइन मकानों की दीवारों से सटकर जा रही है। लोगों का कहना है कि कई बार लिखित में शिकायत की जा चुकी है। बावजूद इसके आज तक सुनवाई नहीं हो सकी है।
क्या कहते हैं एक्सइएन
अधिशासी अभियंता प्रमोद कुमार ने कहा कि ऊर्जा निगम की बिजली लाइन आबादी से पहले की है। कुछ तंग गलियों में लोगों के विरोध के चलते पोल नहीं लग पाए थे। इसके चलते मकानों की दीवारों से लोहे के एंगल लगाकर लाइन बिछाई गई है। यदि लोग शिकायत करते है तो पोल लगाकर लाइन दोबारा से बिछाई जाएगी।