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जनपद वासियों को जल्द मिलेगी डायलेसिस की सुविधा

जनपद वासियों को जल्द ही डायलिसिस की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। रेलवे रोड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत डायलिसिस की यूनिट लगाई गई हैं। शासन द्वारा यूनिट के विद्युतीकरण के लिए छह लाख रुपये की धनराशि स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हो चुकी है। विद्युतीकरण कार्य पूरा होते ही लोगों को डायलिसिस की सु

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 07:08 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 07:08 PM (IST)
जनपद वासियों को जल्द मिलेगी डायलेसिस की सुविधा
जनपद वासियों को जल्द मिलेगी डायलेसिस की सुविधा

संजीव वर्मा, पिलखुवा :

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जनपद वासियों को जल्द ही डायलेसिस कराने की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। रेलवे रोड स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत डायलेसिस की यूनिट लगाई गई हैं। शासन द्वारा यूनिट का विद्युतीकरण करने के लिए छह लाख रुपये की धनराशि स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हो चुकी है। विद्युतीकरण कार्य पूरा होते ही यहां डायलेसिस किया जाना शुरू कर दिया जाएगा।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में करीब साढ़े ग्यारह लाख की लागत से डायलेसिस की यूनिट लगाई गई है। इस यूनिट में एक दिन में पांच से छह रोगियों को डायलिसिस की सुविधा मिल सकेगी। यह यूनिट जनपद में पहली यूनिट होगी। बता दे कि जनपद में सरकारी स्तर पर डायलेसिस की सुविधा नहीं होने के कारण अब तक रोगियों को गाजियाबाद जाना पड़ता था। इस कारण गाजियाबाद के संयुक्त जिला अस्पताल पर रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही थी। मरीजों को कई-कई दिन इंतजार करना पड़ता था। वहीं डायलेसिस यूनिट पर उपचार बेहद महंगा होने के कारण आम आदमी की पहुंच से उपचार बाहर था। इस कारण लंबे समय से जनपद में डायलेसिस

यूनिट स्थापना की मांग चल रही थी।

----------- -कब पड़ती है डायलेसिस की जरूरत

- गुर्दे की समस्या के कारण शरीर में पानी एकत्र होने लगे अर्थात फ्लूड ओवरलोड की समस्या हो जाए तो पहले दवा देकर देखा जाता है। राहत नहीं मिलने पर डायलेसिस कराना पड़ता है।

- शरीर में पोटेशियम की मात्रा बढ़ जाए और दिल की धड़कनें अनियमित हो जाएं तो अलग-अलग तरह की दवाएं दी जाती हैं। दवाओं का असर न दिखे तो डायलिसिस की सलाह दी जाती है।

- रेजिस्टेंस मेटाबॉलिक एसिडोसिस की वजह से एक्यूट रिनल फेल्योर का खतरा उत्पन्न हो जाता है। इस रोग से शरीर में एसिड की मात्रा अचानक बढ़ जाती है। शुरू में सोडाबाइकार्ब जैसी दवाओं से नियंत्रण की कोशिश की जाती है, राहत न मिलने पर डायलेसिस कराना पड़ता है।

------------ --15-20 हजार में होती है डायलेसिस

- निजी डायलेसिस केंद्रों पर 15 से 20 हजार रुपये में डायलेसिस किया जाता है। इस कारण मध्यमवर्गीय लोग उपचार से वंचित रह जाते थे। सरकारी अस्पताल में डायलेसिस की सुविधा मिलने के बाद अब मध्यमवर्गीय लोगों को भी समयानुसार उपचार मिल सकेगा।

---------- -क्या कहते हैं मुख्य चिकित्साधिकारी

11.50 लाख की धनराशि से डायलेसिस यूनिट लगाई गई है। विद्युतीकरण के लिए धनराशि नहीं मिलने के कारण केंद्र की स्थापना की शुरुआत नहीं हो पा रही थी। दो दिन पहले शासन से छह लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। विद्युतीकरण होते ही डायलेसिस की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। --डॉ. राजवीर सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी

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