असुविधाओं का राष्ट्रीय राजमार्ग : राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुविधाओं का अभाव, टोल प्लाजा पर जाम
संवाद सहयोगी पिलखुवा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत डासना से हापुड़ बाईपास तक
संवाद सहयोगी, पिलखुवा :
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत डासना से हापुड़ बाईपास तक निर्माण कार्य पूर्ण हुए लगभग डेढ़ साल बीत चुके हैं। पिछले डेढ़ साल से पिलखुवा में टोल प्लाजा भी संचालित हैं। बावजूद इसके हाईवे पर सुविधाओं का अभाव है। अब तक हाईवे पर वाहनों की गति पर नजर रखने के लिए स्पीडोमीटर नहीं लग पाए हैं। कई कट दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। टोल प्लाजा जाम मुक्त होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन प्रक्रिया होने के बावजूद डिवाइस फास्टैग को स्कैन करने में समय लगता है, जिससे चालक को वाहन रोकना पड़ता है। इसी कारण जाम लग रहा है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़े वाहनों का पार्किंग स्थल बना हुआ है, जो सड़क दुर्घटनाओं को न्योता दे रहा है।
जाम मुक्त सफर देने के मकसद से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे के तृतीय भाग के अंतर्गत डासना से हापुड़ बाईपास तक चौड़ीकरण एवं पिलखुवा में पौने पांच किमी. लंबे एलिवेटेड रोड का निर्माण हुआ था। करोड़ों की लागत से हुए इस विकास कार्य का लोगों को अभी भी पूरी तरह लाभ नहीं मिल रहा है। एलिवेटेड रोड के नीचे बनाए गए कटों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा अनदेखी की गई है। धौलाना कट पर पिछले डेढ़ साल में बीस से अधिक दुर्घटना हो चुकी हैं। बस स्टैंड स्थित कट पर आए-दिन दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इसके अतिरिक्त नवनिर्मित एलिवेटेड रोड एवं चौड़ीकरण पर अभी तक वाहनों की गति जांचने के लिए स्पीडोमीटर नहीं लग पाए हैं, जिससे बेलगाम वाहन दौड़ रहे हैं।
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साइड में खड़े होने वाले बड़े वाहन बनते हैं दुर्घटना का कारण :
राष्ट्रीय राजमार्ग पर साइड में खड़े होने वाले बड़े वाहन सड़क दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। दरअसल, चौड़ी सड़क देखकर कार चालक स्पीड बढ़ाकर चलते हैं। ऐसे में कई बार कार रोड पर साइड में खड़े ट्रक से भिड़ जाती है, जिससे हादसा होता है। पिलखुवा में एलिवेटेड रोड पर अक्सर बड़े वाहन साइड में खड़े रहते हैं। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर आटो का चलन भी दुर्घटनाओं को बढ़ावा दे रहा है।
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टोल प्लाजा पर जाम :
छिजारसी टोल प्लाजा इलेक्ट्रानिक टोल कलेक्शन युक्त है। बावजूद इसके कैशलेस लेन में जाम रहता है। वाहन चालकों की मानें तो टोल प्लाजा पर लगी डिवाइस बेहतर क्वालिटी की नहीं है। अनेकों बार फास्टैग को वह स्कैन नहीं कर पाती है। जिससे वाहन को रोकने पड़ता है और जाम के हालात बन जाते हैं।
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क्या कहते हैं अधिकारी -
राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीसीटीवी कैमरे के साथ स्पीडोमीटर लगाने की योजना है, जिस पर कार्य चल रहा है। कैमरे गति सीमा का उल्लंघन करने वाली गाड़ियों की फोटो भी खींच लेंगे। इस फोटो को चालान के साथ ही गाड़ी के रजिस्टर्ड पते पर भेज दिया जाएगा। फोटो के साथ ही गाड़ी की स्पीड, समय और दिनांक भी लिखा होगा, जिससे किसी प्रकार की विरोधाभास की स्थिति न रहे।
-- मुदित गर्ग, उपमहाप्रबंधक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण