बिना मान्यता इंटर कॉलेज में चल रही थी प्राइमरी पाठशाला
माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में शिक्षा का क्या स्तर है, इसकी बानगी क्षेत्र गांव पसवाड़ा स्थित सरस्वती इंटर कॉलेज में देखने को मिली। इंटर कॉलेज में बिना मान्यता के प्राइमरी की पाठशाला चल रही थी। विद्यालय में कक्षा नौ से कक्षा 12 तक पंजीकृत 659 बच्चों में से महज 5
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में शिक्षा का क्या स्तर है, इसकी बानगी क्षेत्र गांव पसवाड़ा स्थित सरस्वती इंटर कॉलेज में देखने को मिली। इंटर कॉलेज में बिना मान्यता के प्राइमरी की पाठशाला चल रही थी। विद्यालय में कक्षा नौ से कक्षा 12 तक पंजीकृत 659 बच्चों में से महज 58 ही उपस्थित मिले। इनके बैठने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं थीं। विद्यालय में अन्य कॉलेजों की मार्कशीट मिलीं, जिससे बड़े गोरखधंधे का पर्दाफाश हुआ। डीआइओएस ने सभी दस्तावेज जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
जिला विद्यालय निरीक्षक गजेंद्र कुमार ने बताया कि शिकायतों पर वह सोमवार सुबह पसवाड़ा स्थित सरस्वती इंटर कॉलेज में जांच करने पहुंचे। जब वह पहुंचे तो प्रार्थना हो रही थी, लेकिन बच्चे आपस में झगड़ रहे थे।
प्रधानाचार्य सुनील कुमार चौहान दफ्तर में बैठकर अभिभावकों के साथ बैठे थे। प्रार्थना के बाद कक्षाओं का निरीक्षण किया तो पता चला कि विद्यालय में कक्षा नौ से कक्षा 12 तक 659 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन सिर्फ 58 उपस्थित मिले। विद्यालय में महज 125 से 130 बच्चों के बैठने के लिए ही कुर्सियां मौजूद थीं। कॉलेज में बिना अनुमति के ही प्राइमरी की पाठशाला चल रही थी। डीआइओएस ने बताया कि निरीक्षण के दौरान एक चपरासी थैला लेकर विद्यालय से बाहर की ओर भाग रहा था। तभी उनके ड्राइवर ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया और उनके पास ले आया। थैले में देखा उनके होश उड़ गए। उसमें अन्य विद्यालयों की मार्कशीट थी। अन्य विद्यालय की काफी संख्या में मार्कशीट होना अपने आप में संदेह पैदा करता है। इसके अलावा अन्य विद्यालयों की टीसी भी बरामद हुई हैं। जिन पर प्रधानाचार्य ने खाली पर ही हस्ताक्षर कर रखे थे। डीआइओएस ने बताया कि शासन के आदेश थे कि 17 सितंबर को सभी विद्यालयों में विश्वकर्मा जयंती मनाई जानी थी, लेकिन कॉलेज में अंग्रेजी का टेस्ट कराया जा रहा था। यही नहीं विद्यालय के बाहर न तो कोई नाम लिखा था और ना प्रधानाचार्य के पास अनुमति के संबंध में दस्तावेज मिले। पूछने पर प्रधानाचार्य ने दस्तावेजों को मेरठ में होना बताया। डीआइओएस ने कहा कि प्रधानाचार्य से तीन दिन में सभी दस्तावेज दिखाने के लिए कहा है। साथ ही मौके से मिले दस्तावेजों को जब्त कर जांच होगी। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं प्रधानाचार्य ने आरोपों को गलत बताया है।