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पूर्णिमा के स्नान पर श्रद्धालुओं में नजर नहीं आया कोरोना का खौफ

संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर ब्रजघाट और गढ़मुक्तेश्वर कच्चे घाट पर श्रद्धालुओं के बीच कोरोना

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 06:38 PM (IST)
पूर्णिमा के स्नान पर श्रद्धालुओं में नजर नहीं आया कोरोना का खौफ
पूर्णिमा के स्नान पर श्रद्धालुओं में नजर नहीं आया कोरोना का खौफ

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर

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ब्रजघाट और गढ़मुक्तेश्वर कच्चे घाट पर श्रद्धालुओं के बीच कोरोना का खौफ, सरकारी मशीनरी की रोकथाम और निजाम के इंतजाम आस्था के आगे बेबस नजर आए। मां गंगा की आस्था श्रद्धालु पर इस कदर हावी रही कि उन्होंने कोरोना की गाइडलाइन का भी ध्यान नहीं रखा, जिससे शारीरिक दूरी को दूर कर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

शनिवार और रविवार दोपहर बाद जैसे जैसे सूर्य अस्त की ओर हुआ तो कई दिन से सूने पड़े गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। घाट पर न तो शारीरिक दूरी की परवाह की गई और न ही मास्क का उपयोग। यहीं हाल सोमवार को पूर्णिमा के पर्व पर भी देखने को मिला। हर किसी के चेहरे पर मां गंगा के आंचल में गोता लगाकर पुण्य कमाने की आस्था झलक रही थी। मानों श्रद्धालु आस्था के साथ साथ कोरोना से मुक्ति पाने के लिए भी गंगा में गोते लगा रहे थे। शायद यही कारण है कि उन्होंने कोरोना की दिया निर्देशों को नजर अंदाज करते हुए उसे भी गंगा में बहा दिया। कोरोना के खौफ से बेखौफ होकर श्रद्धालुओं ने देर शाम तक आस्था की डुबकी लगाई। जबकि दीपदान से लेकर पूर्णिमा स्नान को उमड़ी भीड़ ने कोरोना से बचने के लिए हथियार माने जाने वाले सैनिटाइजर व मास्क का भी प्रयोग नहीं किया। घाटों पर उमड़ी भीड़ में श्रद्धालु यूं ही घूमते हुए दिखाई दिए। दुकानों पर भी सैनिटाइजर व मास्क नदारद रहे।


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