हथकरघा उद्योगों को संवारने के लिए संजीवनी बूटी की मांग
संवाद सहयोगी पिलखुवा कोरोना संकट काल में 122 दिन तक हैंडलूम नगरी पिलखुवा पूर्णतया बंद र
संवाद सहयोगी, पिलखुवा:
कोरोना संकट काल में 122 दिन तक हैंडलूम नगरी पिलखुवा पूर्णतया बंद रही है। ऐसे में उद्योगों की कमर टूट गई है। व्यापारियों को दोबारा से कारोबार उबारने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पिलखुवा वस्त्र व्यापारी संघ ने जिलाधिकारी कार्यालय के जरिये मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर राहत की मांग की है।
संघ के मंत्री अनिल गर्ग और कोषाध्यक्ष संदीप गोयल ने बताया कि मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि विगत चार माह के कॉमर्शियल बिजली बिल पूर्णतया माफ किए जाएं। बैंक लिमिटों का एक अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2021 तक लगने वाला सभी ब्याज माफ किया जाए। 31 मार्च 2021 तक सभी प्रकार की इएमआइ जमा करने की औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों को छूट प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। टेक्सटाइल सेंटर योजना में आवंटित भूखंडों के नक्शे पास होने के उपरांत भवन निर्माण करने की अवधि कम से कम से दो साल बढ़ाने के आदेश होने चाहिए और इस पर लगने वाले विलंब शुल्क को स्थगित किया जाए। पत्र में कहा गया है कि टेक्सटाइल सेंटर में उद्योग प्रारंभ करने के लिए प्रदूषण विभाग की अनापत्ति पत्र (एनओसी) के लिए लखनऊ प्रधान कार्यालय में लगभग तीस प्रार्थना पत्र विचाराधीन हैं, जिन पर जल्द से जल्द एनओसी मिलनी चाहिए, जिससे टेक्सटाइल सेंटर में उद्योगों की स्थापना को लेकर कार्य शुरू किया जा सकें। पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि
पिलखुवा हथकरघा उद्योगों के रूप में विश्व विख्यात है। कोरोना संकट काल के दौरान लंबे समय तक बंदी होने के कारण उद्योगों को संजीवनी प्रदान करने के लिए राहत की जरूरत हैं, जिससे उद्योग पूर्ण रूप से संचालित हो सकें। एक लाख से अधिक लोगों की उद्योग धंधे संचालित होने से गुजर बसर चलती है।