दिवाली मनाएं, स्वास्थ्य का रखें ख्याल
दीयों और रोशनी का त्योहार दिवाली अपनी रंगत फिजा में बिखेर चुका है। धूमधड़ाके के बीच एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर दिवाली की शुभकामनाएं देंगे। वहीं दिवाली की ये खुशियां जरा सी नादानी के चक्कर में फीकी न हो जाएं, इसका खास ध्यान रखना होगा। इसलिए जरूरत है दिवाली पर खास सावधानी रखें। तेज आवाज के पटाखों में अस्थायी बहरापन की समस्या भी आ
जागरण संवाददाता, हापुड़
दीयों और रोशनी का त्योहार दिवाली अपनी रंगत फिजा में बिखेर चुका है। धूमधड़ाके के बीच लोग एक दूसरे का मुंह मीठा कराकर दिवाली की शुभकामनाएं देंगे। वहीं दिवाली की ये खुशियां जरा सी नादानी के चक्कर में फीकी न हो जाएं, इसका खास ध्यान रखना होगा। इसलिए जरूरत है दिवाली पर खास सावधानी रखें। तेज आवाज के पटाखों के कारण अस्थायी बहरापन की समस्या भी आ सकती है। पटाखे छोड़ते समय सावधानी जरूर बरतें।
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क्या कहते हैं ईएनटी विशेषज्ञ
धमाकों की तेज आवाज से कान में दर्द सुन्न होना, बहरापन की शिकायत आ सकती है। 90 डेसीबल तक सुनने की आदर्श स्थिति है। 132 से 150 डेसीबल तक सुन्न होना है और 200 डेसीबल से अधिक पर कान का पर्दा फट सकता है। इसलिए पटाखे छोड़ते समय विशेष ध्यान रखा जाए। डा.पीसी चौहान, ईएनटी विशेषज्ञ
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क्या कहते हैं नेत्र रोग विशेषज्ञ
आंखों में पानी बहने की दिक्कत सबसे ज्यादा रहती है। प्राथमिक उपचार में आंखों को साफ पानी से धोएं और चिकित्सक के परामर्श से ड्राप डाले। आंख में जख्म होने पर तत्काल चिकित्सक को दिखाएं-डा.दुष्यंत बंसल, नेत्र रोग विशेषज्ञ
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पटाखे चलाने से अंगुली जलना, हाथ पैर जलने के काफी मामले आते हैं। डा.एस.के.गुप्ता, त्वचा रोग विशेषज्ञ
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खान पान का रखे विशेष ध्यान
दिवाली पर खान पान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। शुगर के मरीज मीठे से दूर रहें। अगर कुछ दिक्कत होती है तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। डा.पराग शर्मा
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इनका रखे ध्यान
-पटाखों को घर के बाहर खुले मैदान या छत पर ही चलाएं
-पटाखों को मोमबत्ती या अगरबत्ती से ही जलाएं।
-पटाखे जलाने के बाद उसे एक जगह ही एकत्र करें, यहां वहां न फेंके।
-बच्चों को अकेले पटाखे न चलाने दें
-आसपास पानी की बाल्टी भी जरूर रखें।
-पटाखे से जलने वाली जगह पर तुरंत दवाई लगाएं
-तेज आवाज के पटाखे चलाने से बचें।
-आंखों पर चश्मा लगाकर पटाखे चलाएं
-बच्चों के कानों में रूई लगाकर चलवाएं पटाखे
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सेहत की सुरक्षा के लिए ये करें
-बार बार मीठा न खाएं, शुगर के मरीज शुगर फ्री मिठाई ही खाएं
-शुद्ध मिठाई का सेवन करें
-पांच दिन के पर्व में रोजाना पक्का मसालेदार खाना न खाएं, कुछ हल्का भी बनाएं