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धान किसानों के मददगार बनेंगे कोटेदार, करेंगे पंजीकरण

जागरण संवाददाता हापुड़ अब किसानों को धान बेचने को पंजीकरण करने के लिए जनसुविधा केंद

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 04:50 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 04:50 PM (IST)
धान किसानों के मददगार बनेंगे कोटेदार, करेंगे पंजीकरण
धान किसानों के मददगार बनेंगे कोटेदार, करेंगे पंजीकरण

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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अब किसानों को धान बेचने को पंजीकरण करने के लिए जनसुविधा केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। बल्कि नजदीकी कोटेदार के पास जाकर वह आनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे, जिसके बाद निर्धारित तारीख पर किसान धान बेचने के लिए खरीद केंद्र पर जाकर अपने धान की तौल करा सकेंगे। जिले में अभी तक महज 100 किसानों ने ही पंजीकरण कराया है। जिसको देखते हुए शासन ने यह निर्णय लिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां एक अक्टूबर से धान खरीद शुरू हो चुकी है, वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक नवंबर से धान खरीद होनी है। वहीं जिले में 20 दिन पहले धान की खरीद शुरू हो चुकी है। बावजूद इसके किसान क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि किसान जन सुविधा केंद्रों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अभी तक जिले में लगभग 100 किसानों ने ही सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए आनलाइन पंजीकरण कराया है। ऐसे में किसानों का पंजीकरण बढ़ाने के लिए शासन स्तर से प्रदेश के सभी जिलाधिकारी व जिला पूर्ति अधिकारियों को पत्र जारी कर कोटेदारों (उचित दर विक्रेताओं) के माध्यम से किसान पंजीकरण का काम कराने को कहा है। सरकार ने किसानों को सहूलियत देने के लिए कोटेदारों को यह जिम्मेदारी सौंपी है। इस कार्य के लिए कोटेदारों के पास पहले से ही ई-पास मशीन है। ऐसे करेंगे पंजीकरण

कोटेदार के पास किसान पंजीयन करने के बाद ही धान की बिक्री कर सकेंगे। इस बार धान खरीद के नियम संशोधित किए गए हैं, जिस किसान के आधार कार्ड पर गलत मोबाइल नंबर अंकित होगा, वह किसान खरीद केंद्रों पर धान की बिक्री नहीं कर पाएगा। इसके लिए किसानों को आधार कार्ड पर मोबाइल नंबर संशोधित करना आवश्यक होगा। इन सब दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने किसानों को सुविधा के लिए कोटेदारों को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है।

इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत

किसानों का धान बेचने का पंजीयन, किसानों के आधार कार्ड की जांच, खाता-खतौनी के सत्यापन के लिए आनलाइन आवेदन करने का काम कोटेदार करेंगे। कोटेदार ई-पास मशीन के जरिए सुधार का काम करेंगे, इसी मशीन के द्वारा किसानों के पंजीयन का काम भी होगा।


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