सर्दी बढ़ने से श्वांस रोगियों में हुई वृद्धि : सीएमओ
सर्दी आते ही श्वांस रोगियों की संख्या तेजी से बढ़नी लगी है। सरकारी हो या निजी अस्पताल सभी जगह अस्थमा, यूआईआर(श्वांस नलियों में संक्रमण) के रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। चिकित्सक बेहतर सावधान रहने की सलाह दे रहे हैं। दिसंबर माह की शुरूआत होते ही तापमान तेजी से गिरा है। अधिकतम तापमान 21 और न्यूनतम
जागरण संवाददाता, हापुड़ : सर्दी आते ही श्वांस रोगियों की संख्या तेजी से बढ़नी लगी है। सरकारी हो या निजी अस्पताल सभी जगह अस्थमा, यूआइआर (श्वांस नलियों में संक्रमण) के रोगी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। चिकित्सक ऐसे रोगियों को सर्दी से बचाव की सलाह दे रहे हैं।
दिसंबर की शुरुआत होते ही तापमान तेजी से गिरा है। बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 21 डिग्री और न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम में बढ़ रही सर्दी श्वांस रोगियों को नुकसान पहुंचा सकती है। सर्द मौसम और प्रदूषण से इन रोगियों को सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति कई बार जानलेवा साबित हो जाती है, इसलिए अस्थमा रोगियों को विशेष बचाव करने की जरूरत होती है। इस मौसम में तेल, घी, मक्खन और नमक का सेवन संतुलित किया जाना चाहिए। इसके अलावा लोग अलर्जी रायनाइ¨टस रोग के शिकार भी हो सकते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन चार दर्जन से अधिक सांस के रोगी उपचार कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी ऐसे रोगियों की संख्या काफी बढ़ रही है।
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सर्दी में सांस के रोगियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अगर कुछ दिक्कत होती है तो तुरंत चिकित्सकों को दिखाएं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इस बीमारी से पीड़ित लोग काफी संख्या में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इस मौसम में खान-पान पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
- डॉ. राजवीर ¨सह, मुख्य चिकित्साधिकारी
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अस्थमा के लक्षण
- सांस का फूलना
- लंबे समय से खांसी, सर्दी, जुकाम बना रहना
- बार-बार सांस लेने में सीटी जैसी आवाज आना
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बचाव के उपाय
- बदलते मौसम में सावधान रहें
- धूल, धुआं, धूमपान से दूर रहें
- जरूरत से ज्यादा नहीं खाएं
- संतुलित आहार लें
- खूब पानी पिएं
- घर से निकलते समय इन्हेलर हमेशा साथ रखें
- अस्थमा का संदेह होते ही फेफड़ों की जांच कराएं