कटआउट : देशी घी और दूध से सुधरेगी बच्चों और महिलाओं की सेहत
जागरण संवाददाता हापुड़ आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए
जागरण संवाददाता, हापुड़
आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए वर्षों से चली आ रही पंजीरी, दलिया और मिश्रित लड्डू वितरण की व्यवस्था अब समाप्त हो गई है। 25 नवंबर से इसकी जगह अब दूध और देशी घी बांटा जाएगा, ताकि बच्चों और महिलाओं की सेहत सुधारी जाएगी। इसमें राशन डीलर के माध्यम से कुपोषित बच्चों और गर्भधात्री महिलाओं को गेहूं, चावल और दाल का भी वितरण कराया जाएगा। जिले में पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों की संख्या 95946 है। सितंबर के महीने में जिले में कुल 1189 बच्चे कुपोषित श्रेणी में पाए गए। इन बच्चों और गर्भधात्री महिलाओं को 887 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रति महीने पोषाहार बांटा जाता है। अभी तक पोषाहार में पंजीरी, दलिया और पंजीरी के निर्मित किए गए मिश्रित लड्डू देकर सरकार बच्चों और महिलाओं को सेहतमंद बनाती थीं। यह पोषाहार आंगनबाड़ी योजना के शुरू होने के समय से ही बांटा जा रहा था। कभी कभी यह भी सुनने को मिल जाता था कि पंजीरी बच्चे और महिलाएं खाने में रुचि नहीं लेते। यह पंजीरी जानवरों को खिला दी जाती थी। प्रदेश सरकार के पास भी इस तरह के मामले समय वे समय पहुंचते रहे। जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्ञान प्रकाश तिवारी ने बताया कि अब सरकार ने इस व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। नवंबर के महीने से पंजीरी और दलिया के दिन लद जाएंगे। कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए बच्चों और महिलाओं को कैलोरी प्रोटीन युक्त खाद्यान्न दिया जाएगा। ऐसा करके सरकार उनकी सेहत को बेहतर तरीके से सुधारना चाहती है। 25 नवंबर से जिले भर के 887 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषित बच्चों और गर्भधात्री महिलाओं को गेहूं, चावल, दाल के साथ घी और दूध भी खिलाया जाएगा। -------- जनपद में कुपोषण की स्थिति विकासखंड केंद्र हरी श्रेणी पीली श्रेणी लाल श्रेणी गढ़मुक्तेश्वर 207 20794 514 110 हापुड़ 315 25491 1651 553 सिभावली 189 14542 610 258 धौलाना 176 20921 548 268 कुल योग 86260 81748 3323 1189 नोट- यह आंकड़े विकास भवन से लिए गए हैं।