तीस करोड़ खर्च कर किया जाएगा नालों का जीर्णोंद्धार
शहर के खुले नालों में अब गिरकर कोई घायल नहीं होगा और न ही किसी की मौत होगी। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जल निकासी योजना के तहत नगर पालिका ने करीब तीस करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है। शहर के नालों को बंद कराया जाएगा ताकि कोई हादसा न हो। इसके साथ ही मच्छरों और नाले में जाने वाले कूड़े से भी निजात मिलेगी। जिन स्थानों पर नाले
जागरण संवाददाता, हापुड़ : नगर के खुले नालों में नागरिकों के गिर कर घायल होने और मृत्यु हो जाने की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नालों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जल निकासी योजना के तहत नगर पालिका ने करीब तीस करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की है। इस प्रस्ताव के अनुसार नगर के नालों को बंद कराया जाएगा ताकि कोई हादसा नहीं हो सके। इसके साथ ही मच्छरों और नाले में गिरने वाले कूड़े से भी निजात मिलेगी। जिन स्थानों पर नाले क्षतिग्रस्त हैं वहां नालों की मरम्मत कराई जाएगी। आवश्यकतानुसार नए नालों का निर्माण भी होगा। इन नालों का आधार और ढक्कन कंक्रीट से बनाया जाएगा।
शहर के नाले खुले होने के कारण लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। इंद्रगढ़ी क्षेत्र में एक बच्चे की पिछले दिनों नाले में गिरकर मौत हो गई थी। इसके अलावा भी कई हादसे हुए हैं। नाले खुले होने के कारण उनसे आने वाली बदबू और नालों में कूड़ा गिरने के कारण भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
इस समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका परिषद के पालिकाध्यक्ष प्रफुल्ल सारस्वत ने पंडित दीन दयाल उपाध्याय जल निकासी योजना के तहत डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है। इस पर शासन से स्वीकृति और धन मिल जाने के बाद नालों की मरम्मत कराई जाएगी और उन्हें बंद कराया जाएगा, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके। जिन इलाकों में नए नाले बनाए जाने की आवश्यकता है वहां भी निर्माण भी कराया जाएगा।
नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष प्रफुल्ल सारस्वत ने बताया कि शासन से डीपीआर स्वीकृत होने के बाद निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। उनका प्रयास है कि नगरवासियों को नालों से कोई दिक्कत नहीं हो। नाला निर्माण होने से मच्छरों और बदबू की समस्या का भी समाधान हो सकेगा। शहर का चहुंमुखी विकास कराना और लोगों को बेहतर सुविधा दिलाना उनकी पहली प्राथमिकता है। शहरवासियों को किसी भी हाल में परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
----------- जलभराव से भी मिलेगा छुटकारा
नालों के बंद होने पर शहर में थोड़ी सी बारिश होने के बाद होने वाले जलभराव की समस्या से निजात मिल सकेगी। नालों में बड़ी मात्रा में पालीथिन और कूड़ा डाल दिया जाता है। इस कारण नाला जाम हो जाता है और जलनिकासी बाधित हो जाती है। नाले सफाई कराने के कुछ ही दिन बाद पुरानी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
--------------- काफी समय से लोग कर रहे थे नाला बंद कराने की मांग
नगर के खुले नालों को बंद कराने के मांग कई वर्षों से उठ रही है। लेकिन समस्या का समाधान नहीं होने के कारण लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। अब लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।