गन्ना किसानों के 139.81 करोड़ का कब होगा भुगतान
बकाया गन्ना भुगतान न होने पर किसान परेशान हैं। आए दिन होने वाले धरना-प्रदर्शन से भी किसानों को कोई राहत नहीं मिल रही है। प्रशासन और मिल प्रबंधन पर आश्वासन के सिवा कुछ नहीं है। ¨सभावली मिल ¨सभावली गन्ना समिति का महज 23 फरवरी तक गन्ना देने वाले किसानों का ही भुगतान कर सकी है। समिति के किसानों मिल पर अभी 139.
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
गन्ना मूल्य के बकाया का भुगतान नहीं हो पाने से किसान परेशान हैं। चीनी मिलों और प्रशासन के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन करने के बावजूद किसानों को उनके गन्ने का मूल्य नहीं मिल पाया है। प्रशासन और मिल प्रबंधन भुगतान करने के बजाय किसानों को आश्वासन दे रहा है। ¨सभावली मिल ने अभी तक ¨सभावली गन्ना समिति को 23 फरवरी तक बेचे गए गन्ने का ही भुगतान किया है। किसानों का मिल पर अब भी 139.81 करोड़ रुपया बकाया है। प्रशासन अक्टूबर माह के अंत में चीनी मिलों में नए वर्ष के पेराई सत्र को शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं।
वर्ष 2017 में ¨सभावली चीनी मिल का पेराई सत्र अक्टूबर माह के अंत में शुरू हुआ था, जो 27 मई 2018 तक चला था। इस दौरान ¨सभावली गन्ना समिति से जुड़े किसानों से ¨सभावली चीनी मिल ने 320.96 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा। पूरे पेराई सत्र में किसानों ने घटतौली किए जाने और गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में कई बार धरना और प्रदर्शन किया। इस दौरान ¨सभावली मिल ने गन्ना समिति से जुड़े किसानों को केवल 181.15 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया। यह भुगतान चीनी मिल को 23 फरवरी तक बेचे गए गन्ने का ही हुआ है। 23 फरवरी के बाद 27 मई तक बेचे गए गन्ने का अभी तक भुगतान नहीं मिल पाया है। इस तरह मिल पर समिति के किसानों का अभी 139.81 करोड़ रुपये बकाया है। मिल प्रबंधन प्रतिमाह निर्धारित कोटे के हिसाब से चीनी बेचकर किसानों का भुगतान कर रहा है।
वहीं भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) ने किसानों का बकाया भुगतान नहीं होने पर छह सितंबर को कलक्ट्रेट का घेराव करने की चेतावनी दे रखी है। बताया जा रहा है कि इस बार भाकियू भुगतान को लेकर प्रशासन और मिल प्रबंधन के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की योजना बना रही है। भाकियू मंडल प्रवक्ता दिनेश खेड़ा ने कहा कि जिला प्रशासन और मिल प्रबंधन कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। शासन के आदेश के अनुसार किसानों को 15 दिन में भुगतान करना चाहिए। अफसरशाही किसानों की चुप्पी की परीक्षा ले रही है। यदि किसानों का जल्द भुगतान नहीं हुआ तो छह सितंबर को हजारों किसानों को साथ लेकर कलक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा।