चीन की बौखलाहट ने बढ़ाया महिलाओं का हौंसला
जागरण संवाददाता हापुड़ इस बार दीपावली में आत्मनिर्भर भारत अभियान का अच्छा-खासा प्रभाव देख
जागरण संवाददाता, हापुड़
इस बार दीपावली में आत्मनिर्भर भारत अभियान का अच्छा-खासा प्रभाव देखने को मिल रहा है। चीन उत्पादों को मात देने के लिए महिलाएं और युवतियां बड़े पैमाने पर घरेलू सजावट के उत्पाद तैयार कर रही हैं। हैंडीक्राफ्ट, घरेलू सामान बनाने और पैकेजिग व गिफ्ट पैक कर महिलाएं न केवल आय अर्जित कर रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत कर रही हैं। सीमा पर चीन की बौखलाहट को देखकर महिलाओं के हौंसले और बुलंद हैं। अच्छी बात यह है कि महिलाओं को देसी उत्पादों के खूब आर्डर मिल रहे हैं। नगर के मोहल्ला श्रीनगर निवासी दीपाली सिघल का मानना है कि गरीबी किसी की मदद से नहीं बल्कि, खुद कुछ बनने के बाद ही दूर हो सकती है। इसलिए उन्होंने अपने घर के कमरे में हैंडीक्राफ्ट का काम शुरू कर दिया। सबसे पहले उन्होंने बेरोजगार और पढ़ाई करने वाली युवतियों को साज-सज्जा की वस्तुओं के बारे में बताया। इसके बाद युवतियों को घर बुलाकर कच्चे माल से साज-सज्जा की वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण दिया। दीपाली बताती हैं कि वह गिफ्ट पैकिग, शोपीस, पर्स, पूजा की थाली, फोटो फ्रेम, पूजा का कलश, बंदनवार, रंगोली, देवी-देवताओं की मूर्तियों के लिए पोशाख, विभिन्न तरह की माला समेत अन्य वस्तुएं तैयार कराती हैं। इन वस्तुओं की वह विभिन्न शहरों में लगने वाले शापिग मेलों में स्टाल लगाकर बिक्री कराती हैं। दीपावली सिघल बताती हैं कि उन्होंने टेक्सटाइल डिजाइनिग में कोर्स किया हुआ है। हमेशा से ही उनकी यही सोच थी कि मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने के बजाय जरूरतमंद महिला व युवतियों को कुछ ऐसा सिखाया जाए। वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। यानि उन्हें हुनरमंद बनाया जाए। घर पर रहकर अपने हुनर से अपनी अलग पहचान बना सकें। पिछले आठ वर्षों से आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। अब तक हापुड़ की सैंकड़ों महिलाओं और युवतियों को हाथों के हुनर से मजबूत बनाने के लिए प्रशिक्षित कर चुकी हैं। प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं अपने घर पर रहकर ही हैंडीक्राफ्ट, घरेलू सामान बनाने, पैकेजिग व गिफ्ट पैक कर आय अर्जित कर रही हैं।