गंगा में केमिकलयुक्त पानी डालने का आरोप, जांच समिति गठित
एक तरफ सूबे के योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गंगा को शुद्ध करने में लगे हैं। दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही के चलते ¨सभावली शुगर मिल से निकलने वाला केमिकलयुक्त गंदा पानी गंगा में डाला जा रहा है। जिसकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जांच के लिए जिलाधिकारी ने तीन सदस्य टीम गठित की है। टीम से दो दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। हालांकि मिल प्रबंधन ने गंगा में नाला गिरने के आरोपों को निराधार बताया है।
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर : केंद्र और प्रदेश सरकार गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के लिए प्रयासरत हैं। प्रशासन की लापरवाही के कारण ¨सभावली चीनी मिल से निकलने वाला केमिकल युक्त गंदा पानी गंगा में डाला जा रहा है। इस संबंध में की गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने जांच के लिए तीन सदस्य टीम गठित की है। जांच टीम से दो दिन में रिपोर्ट मांगी गई है। हालांकि मिल प्रबंधन ने गंगा में मिल का केमिकलयुक्त पानी डालने के आरोपों को निराधार बताया है।
जिलाधिकारी अदिति ¨सह ने उपजिलाधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखते हुए पत्र में कहा है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ¨सभावली चीनी मिल का केमिकल युक्त पानी एक नाले में डाला जा रहा है। इस नाले का पानी गंगा ग्राम घोषित पूठ में जाकर गंगा नदी में गिर रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि यदि ऐसा है तो यह अत्यंत गंभीर आरोप है। इसका स्थलीय निरीक्षण किया जाए। जिलाधिकारी ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है। टीम में उपजिलाधिकारी ज्योति राय, जिला गन्ना अधिकारी ओपी ¨सह और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को नामित किया गया है।उपजिलाधिकारी ज्योति राय ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर टीम स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट भेजेगी।
¨सभावली चीनी मिल के महाप्रबंधक दिनेश शर्मा का कहना है कि मिल का एक बूंद पानी गंगा में नहीं गिर रहा है। मिल में लगी ईटीपी की मॉनिट¨रग लखनऊ से हो रही है। गंगा में दूषित पानी गिरने के आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पहले नमामि गंगे-गंगा विचार मंच के पदाधिकारियों ने मिल का गंदा पानी गंगा में डाले जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था, जिसके बाद कार्रवाई भी हुई थी।