अभिलेख न्यायालय में जमा न करने पर दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज
थाना हाफिजपुर में एसपी के आदेश पर थाने पर तैनात रहे तत्कालीन उपनिरीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि उप निरीक्षक ने अपने कार्य में हीला हवाली करते हुए अधिकारियों के आदेश की भी का पालन भी नहीं किया है।
हापुड़ [केशव त्यागी]। थाना हाफिजपुर में एसपी के आदेश पर थाने पर तैनात रहे तत्कालीन उपनिरीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि उप निरीक्षक ने अपने कार्य में हीला हवाली करते हुए अधिकारियों के आदेश की भी का पालन भी नहीं किया है। मुकदमे से संबंधित अभिलेख सीओ कार्यालय, न्यायालय में भी जमा नहीं कराए। दस्तावेजों के लिए पत्राचार किए जाने पर भी उप निरीक्षक ने संतोषजनक जबाव नहीं दिया। इसके चलते उनके खिलाफ अधिकारियों ने सख्ती बरती है।
थाना हाफिजपुर प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद मेरठ के निवासी ब्रह्मानंद सैनी ने 12 फरवरी 2016 को ट्रक की टक्कर से एंबुलेंस सवार सरिता (30) की मौत व धर्मवीर और सनम घायल होने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 13 फरवरी 2016 को सहकारी गन्ना समिति के सचिव मनोज कुमार ने ब्रजनाथपुर शुगर मिल के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा फर्जी पर्ची बनाकर क्षेत्र के बाहर से गन्ना खरीदने के मामले में मिल के उप प्रबंधक अनमोल राठी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मनोज कुमार ने ही दो अगस्त, 2016 को ब्रजनाथपुर शुगर मिल के द्वारा शर्तों का उल्लघंन करने के संबंध में प्रबंधक निदेशक गुरसिमरन कौर, चीफ आपरेटिंग आफिसर गुरपाल सिहं, एस एन मिश्रा व प्रमेंद्र सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 18 फरवरी 2016 को उप निरीक्षक सहदेव सिंह ने जुआ अधिनियम की धाराओं में रोहित, सोनू, अतीश, नन्हे, अनिल, रोबिन व सुमिरक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इन सभी मुकदमों की विवेचना तत्कालीन उप निरीक्षक गिरीश चंद्र को दी गई थी।
सभी मुकदमों की समस्त सीडी व अंतिम रिपोर्ट रिपोर्ट दाखिल करने के संबंध में तत्कालीन उप निरीक्षक से कई बार पत्राचार किया जा चुका है। लेकिन, इसके बाद भी उन्होंने अभी तक मुकदमों से संबंधित प्रपत्र आज तक थाने से लेकर सीओ पेशी कार्यालय व न्यायालय में दाखिल नहीं किए हैं। इस कारण दर्ज मुकदमों का निस्तारण नहीं हो सका। वर्तमान में उप निरीक्षक गिरीश चंद्र जनपद मुजफ्फरनगर में चल रही है। एसपी संजीव सुमन ने बताया कि तत्कालीन उप निरीक्षक के खिलाफ अभियोगों के संबंध में जांच रिपोर्ट पेश ना करने व पत्राचार के बाद भी जवाब ना देने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई है।