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--तहसील न्यायालय और कार्यालयों का बहिष्कार जारी

संवाद सहयोगी गढ़मुक्तेश्वर तहसील स्तरीय न्यायालय और कार्यालयों का बहिष्कार समाप्त कराने को

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 07:23 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 07:23 PM (IST)
--तहसील न्यायालय और कार्यालयों का बहिष्कार जारी
--तहसील न्यायालय और कार्यालयों का बहिष्कार जारी

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर

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तहसील स्तरीय न्यायालय और कार्यालयों का बहिष्कार समाप्त कराने को एसडीएम कार्यालय से वार्ता के लिए अधिवक्ताओं को न्योता मिला। दोनों बार एसोसिएशन की संयुक्त बैठक में आज आगे के आंदोलन पर निर्णय होगा। नाली के विवाद में गिरफ्तार तीन लोगों में एक को जमानत पर छोड़कर दो को जेल भेजने के विरोध में अधिवक्ताओं ने बृहस्पतिवार को भी तहसील स्तरीय न्यायालय और कार्यालयों का बहिष्कार जारी रखा। न्यायालयों समेत कार्यालयों में ठप चल रहे कामकाज को सुचारू करने के उद्देश्य से एसडीएम ने अधिवक्ताओं के साथ चल रहे गतिरोध को दूर करने के उद्देश्य से वार्ता के लिए दोनों बार के अध्यक्षों को न्योता भेजा है, जिसके बारे में जानकारी मिलते ही अधिवक्ताओं की आपात बैठक हुई, जिसमें फौरी तौर पर कोई भी निर्णय लेने की बजाए बार एसोसिएशन अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा और अशरफ अली ने शुक्रवार को जनरल बाडी की संयुक्त बैठक बुलाने की घोषणा कर दी।

बार अध्यक्षों ने बताया कि पूर्व में हुए आंदोलनों के दौरान वार्ता को लेकर कुछ अधिवक्ता बार पदाधिकारियों पर अनर्गल आरोप लगाते रहे हैं, इसलिए एसडीएम द्वारा वार्ता के लिए भेजे गए न्योते के संबंध में जनरल बाडी की बैठक में होने वाले निर्णय का अनुपालन किया जाएगा।

वहीं एसडीएम और तहसीलदार के तबादले की मांग को लेकर अधिवक्ताओं का बहिष्कार जारी रहने से मुकदमों की पैरवी समेत जरूरी कामकाज से आए वादकारियों को मायूस होकर बैरंग लौटना पड़ा। बार सचिव अवनीश चौधरी, अनिल गौतम, पूर्व अध्यक्ष बलराज त्यागी, कुंवरपाल सिंह, ओमपाल मावी, सतेंद्र चौधरी, सुरेंद्र नागर, नरेश गिल, बबलू भाटी, रामौतार पुंडीर, विरेंद्र अग्रवाल, निरंजन राणा, राजवीर, राजेंद्र वर्मा, सीपी सिंह, महताब चौधरी, सुहेल आलम, विकास गुप्ता, कलीम खान, संदीश कुमार समेत दर्जनों अधिवक्ता आपात बैठक में मौजूद रहे।

एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि अधिवक्ताओं के बहिष्कार से लंबित मुकदमों की प्रक्रिया आगे न बढ़ने से वादकारियों को दिक्कत हो रही है, इसलिए न्यायालयों समेत कार्यालयों के कामकाज को सुचारू कराने के उद्देश्य से वकीलों की नाराजगी को दूर करने के लिए वार्ता को पत्र भेजा गया है।


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