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भाजपा ने विजयपाल को हापुड़, हरेंद्र को गढ़मुक्तेश्वर और धर्मेश को धौलाना से उतारा

जागरण संवाददाता हापुड़ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बजने के बाद शनिवार को

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 08:32 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 08:32 PM (IST)
भाजपा ने विजयपाल को हापुड़, हरेंद्र को गढ़मुक्तेश्वर और धर्मेश को धौलाना से उतारा
भाजपा ने विजयपाल को हापुड़, हरेंद्र को गढ़मुक्तेश्वर और धर्मेश को धौलाना से उतारा

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बजने के बाद शनिवार को भाजपा ने जनपद की तीनों सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। हापुड़ सीट पर मौजूदा विधायक विजयपाल आढ़ती पर विश्वास जताते हुए एक बार फिर दांव खेला गया है। जबकि, धौलाना सीट से सपा को छोड़कर भाजपा में आए पूर्व विधायक धर्मेश तोमर को चुनावी दंगल में उतारा है। वहीं, गढ़मुक्तेश्वर सीट से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के परिवार के हरेंद्र चौधरी तेवतिया को प्रत्याशी बनाया गया है। प्रत्याशियों को 24 दिन के अंदर ही विधानसभा क्षेत्र के गांवों और मोहल्लों में जाकर मतदाताओं से जनसंपर्क करने की बड़ी चुनौती होगी।

जिले की तीनों सीटों की बात की जाए तो धौलाना में सपा-रालोद गठबंधन और बसपा से प्रत्याशी मैदान में हैं। कांग्रेस ने अभी यहां प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। हापुड़ सीट पर सपा-रालोद गठबंधन और बसपा के प्रत्याशी की घोषणा हो चुकी है। कांग्रेस ने यहां भी उम्मीदवार का नाम अभी तय नहीं किया है। इसी प्रकार गढ़मुक्तेश्वर सीट पर कांग्रेस और बसपा ने प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है। सपा-रालोद गठबंधन ने यहां प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। ऐसे में शुक्रवार को भाजपा की सूची जारी होने का इंतजार सभी कर रहे थे, लेकिन शानिवार दोपहर करीब एक बजे जाकर भाजपा ने प्रत्याशियों की घोषणा की। जिसके बाद उम्मीदवारों के घर बधाई देने वाले समर्थकों का तांता लगा रहा। वहीं, बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को सूची में स्थान न मिलने पर निराशा हाथ लगी। गढ़मुक्तेश्वर से मौजूदा विधायक डा. कमल मलिक की पार्टी ने छुट्टी कर दी है। भाजपा ने विजयपाल पर दोबारा जताया भरोसा

हापुड़ सीट पर विधायक विजयपाल आढ़ती को दोबारा से पार्टी ने मैदान में उतारा है। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने फूलमाला पहनाकर उनका स्वागत किया। बता दें कि विजयपाल आढ़ती वर्ष 2011 से भाजपा में सक्रिय हैं। यह पार्टी में अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष और महामंत्री रह चुके हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल खेमे से यह जाने जाते हैं। वर्ष 2017 में विजयपाल को भाजपा ने हापुड़ विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया और इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक गजराज सिंह को करीब 15 हजार मतों से हराया। करीब 20 साल बाद इस सीट पर भाजपा की जीत हुई थी। बार-बार सरकार में इनके मंत्री बनने की चर्चा रही, लेकिन मौका नहीं मिल सका। बता दें कि विजयपाल आढ़ती दसवीं पास हैं, लेकिन राजनीति की इन्हें अच्छी समझ है। हापुड़ सीट पर त्रिकोणीय हुआ मुकाबला -

विधायक विजयपाल आढ़ती के चुनावी मैदान में आने से हापुड़ सीट पर मुकाबला अब त्रिकोणीय हो गया है। भाजपा, बसपा और सपा-रालोद गठबंधन के बीच इस सीट पर कड़ा मुकाबला होगा। चौधरी चरण सिंह के रिश्ते में पोते हैं हरेंद्र तेवतिया -

जासं, हापुड़ :

किसान आंदोलन के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों को लुभाने के लिए भाजपा ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। शनिवार को जारी हुई टिकटों की सूची में एक बड़ा नाम शामिल किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जन्मस्थली गांव नूरपुर निवासी हरेंद्र सिंह तेवतिया (प्रमुख) को पार्टी ने गढ़ विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है। हरेंद्र सिंह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के रिश्ते में पोते लगते हैं। बता दें कि हरेंद्र सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य हैं। इनका जन्म 20 मई 1966 को गांव नूरपुर मढैया में हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, हरेंद्र सिंह के स्व. दादा के छोटे भाई थे। हरेंद्र सिंह की पत्नी ममता तेवतिया ब्लाक प्रमुख हैं। इससे पहले भी वह दो बार ब्लाक प्रमुख रह चुकी हैं। वर्ष 2015 में हरेंद्र सिंह ने वार्ड संख्या 13 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा और मेरठ मंडल में सबसे अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। धर्मेश तोमर फिर आजमाएंगे किस्मत -

संवाद सहयोगी, पिलखुवा :

भाजपा ने पूर्व विधायक धर्मेश तोमर को टिकट देकर धौलाना विधानसभा के रणक्षेत्र में उतारा है। धर्मेश तोमर लोकसभा चुनाव में सपा को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। धर्मेश का टिकट घोषित होने के बाद समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। पिलखुवा के लुहारान मोहल्ला निवासी धर्मेश सिंह तोमर किसान परिवार से हैं। उनकी राजनीति की शुरूआत गाजियाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में हुई। वर्ष 1999 से 2000 तक वह जिला पंचायत अध्यक्ष रहे और गढ़ मेला में लगने वाली चुंगी को समाप्त कराया था। विधानसभा चुनाव 2012 में वह समाजवादी के टिकट पर चुनाव लड़े और विजयी रहे। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव 2012 में धर्मेश तोमर आसपास के क्षेत्र में सपा के एक अकेले ऐसे विजेता विधायक थे, जो सबसे अधिक वोटों से विजयी हुए थे। विधानसभा चुनाव 2017 में बेशक उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन, उन्हें 72 हजार मत प्राप्त हुए थे।


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