भाकियू ने शुरू किया आमरण अनशन
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति के मुख्यद्वार पर मुअ
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति के मुख्यद्वार पर मुआवजे की मांग को लेकर धरना रविवार को भी जारी रहा। रविवार सुबह से भाकियू कार्यकर्ताओं ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। भाकियू महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष बबली ¨सह समेत पांच महिलाएं तीन दिन से भूख हड़ताल पर बैठी हुई हैं। भाकियू ने मुआवजे की समस्या का समाधान नहीं होने पर 31 दिसंबर से आमरण अनशन करने की चेतावनी दी थी। हालांकि प्रशासन धरना समाप्त कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
किसानों की जमीन अधिग्रहण करने के मामले में मुआवजे की मांग कर रही भाकियू का मंडी के मुख्यद्वार पर अनिश्चितकालीन धरना 21वें दिन भी जारी रहा। रविवार में धरनास्थल पर आयोजित सभा की अध्यक्षता नबी खान डेहरा ने की, जबकि संचालन जिला महासचिव दिनेश त्यागी ने किया। भाकियू के मंडल प्रवक्ता दिनेश खेड़ा ने कहा कि प्रशासन को तीन दिन पहले चेतावनी दी थी कि यदि किसानों की मांग नहीं मानी गईं तो 31 दिसंबर से भाकियू भूख हड़ताल के साथ-साथ आमरण अनशन शुरू कर देगी। प्रशासन भाकियू के धरने को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रहा है। भाकियू ने रविवार सुबह से आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
बता दें कि शुक्रवार सुबह से पांच महिलाएं आशमा खातून, मुशररफ जहां, नईमा खातून, शमीम जहां और भाकियू महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष बबली ¨सह भूख हड़ताल पर बैठी हैं। रविवार दोपहर धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए बबली ¨सह ने कहा कि जिला प्रशासन ने दमनकारी नीति अपनाते हुए मंडी में व्यापारिक गतिविधियां शुरू कराई हैं। पुलिस ने किसानों की आवाज दबाने और विरोध को कुचलने की नाकाम कोशिश की है। उन्होंने कहा कि धरना तभी समाप्त होगा जब मांगें मान ली जाएंगी। रविवार को धरनास्थल पर शब्बू चौधरी, बबलू चौधरी, चौ. अमरपाल ¨सह, मुन्ना त्यागी, हितेंद्र त्यागी, रमेश चंद शर्मा, फूल ¨सह चौहान, नत्थू ¨सह त्यागी, श्याम सुंदर ¨सह त्यागी, फरियाद खान, दुष्यंत चौहान, रोहित पिलानिया, महेश केवट, ललित तोमर, नंद किशोर ¨सह सैनी, सरस्वती, चमनदेवी, माया, भूरी, अफसरी, मुन्नी, कनीज, रुकेया, रहनुमा, मुशर्रफ, मौहसीन, उजमा, वसीमा, गजाला, शहरीन, राफिया, हिफजा, अरीबा, माही, रिजवाना, नूरजहां, राशिदा आदि लोग मौजूद रहे।