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भाकियू कार्यकर्ताओं ने गन्ना समिति सचिव को बनाया बंधक

शुक्रवार को भाकियू की तहसील स्तरीय मासिक बैठक का आयोजन ब्लाक सभागार में किया गया। इस दौरान मौजूद कार्यकतर गन्ना भुगतान को लेकर इतने उग्र दिखे कि उनके बीच पहुंचे गन्ना समिति सचिव को उन्होंने बंधक बना लिया। सचिव द्वारा मिल के अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आश्वासन के बाद ही उन्हें छोड़ा गया। इसकेबाद उनके बीच पहुंची तहसीलदार न्यायिक रेणुका दीक्षित को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे रखीं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Sep 2018 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 07:27 PM (IST)
भाकियू कार्यकर्ताओं ने गन्ना समिति सचिव को बनाया बंधक
भाकियू कार्यकर्ताओं ने गन्ना समिति सचिव को बनाया बंधक

संवाद सहयोगी, धौलाना:

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भाकियू की तहसील स्तरीय मासिक बैठक का आयोजन ब्लाक सभागार में शुक्रवार को किया गया। इस दौरान मौजूद कार्यकर्ताओं गन्ना भुगतान को लेकर इतने उग्र दिखे कि उनके बीच पहुंचे गन्ना समिति सचिव को उन्होंने बंधक बना लिया। सचिव द्वारा मिल के अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के आश्वासन के बाद ही उन्हें छोड़ा गया। इसके बाद उनके बीच पहुंची तहसीलदार न्यायिक रेणुका दीक्षित को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे रखीं।

तहसील अध्यक्ष भवेंद्र सिसौदिया ने बताया कि किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान अब तक मिल प्रबंधक ने नहीं किया गया है। जबकि सरकार ने चौदह दिनों के अंदर भुगतान ना किए जाने पर मिल अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की बात कही थी। गंाव सिरोंधन में दबंगों द्वारा खाद के गड्ढ़ों पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। उसे तत्काल रोका जाना चाहिए। जबकि इनको लेकर न्यायालय में वाद चला था। जिसमें बेदखली के आदेश व जुर्माना भी कर दिया गया है, लेकिन लेखपाल व कानूनगो की मिली भगत से कब्जा किए जाने का सिलसिला जारी है। बृहस्पतिवार को भारत बंद के दौरान भी कब्जा करने का सिलसिला जारी था। गांव डहाना में पात्र लोगों के शौचालय अब तक नहीं बनाए गए हैं। जबकि सरकारी अभिलेखों में गांव को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है। गांव नरैना में पशुओं का अस्पताल मौजूद है। लेकिन वहां पर दवा नहीं दी जाती है। कच्ची रसीद काटी जाती है। यह अवैध कार्य रोका जाए व दवा उपलब्ध कराई जाए। इस अवसर पर विशाल राणा, हरिकिशन ¨सह, कृष्ण सोम, शिवकुमार राणा आदि ने विचार रखे। जबकि करन ¨सह, सुभाष ¨सह, हिम्मत राणा, हरेंद्र , सत्यवीर राणा, गौरव राणा, राजेश, महेश कुमार, परमानंद शमर, सुरेंद्र राघव, सीमा, सरोज, शकुंतला, पूनम, सुधा आदि सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।


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