तीन घंटे किसानों के कब्जे में रहा हाईवे
जागरण संवाददाता हापुड़ कृषि विधेयक के विरोध में भाकियू के पदाधिकारी और कार्यकर्ता थ
जागरण संवाददाता, हापुड़ : कृषि विधेयक के विरोध में भाकियू के पदाधिकारी और कार्यकर्ता थाना देहात क्षेत्र में एनएच-9 (पूर्व में 24) स्थित पुराने टोल टैक्स व थाना हाफिजपुर क्षेत्र के एनएच-235 स्थित कुराना टोल टैक्स के पास धरने पर बैठ गए। नारेबाजी करते हुए किसानों ने हाईवे जाम कर दिया। दोपहर 12 से करीब तीन बजे तक हाईवे पर किसानों का कब्जा रहा। भीषण जाम में फंसे वाहन चालकों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। पुलिस ने रूट डायवर्जन कर वाहनों को निकाला। धरना स्थल से निकलने का प्रयास के दौरान वाहनों चालकों व किसानों के बीच नोकझोंक भी हुई। तीन बजे धरना समाप्त होने पर पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली।
शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे भाकियू व राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ता थाना देहात क्षेत्र के एनएच-9 स्थित पुराने टोल टैक्स व थाना हाफिजपुर क्षेत्र के एनएच-235 स्थित कुराना टोल टैक्स के पास एकत्र हो गए।
किसान आंदोलन की सूचना को लेकर पुलिस प्रशासनिक के अधिकारी पहले से ही हाईवे पर तैनात थे। किसानों ने नारेबाजी करते हुए हाईवे की दोनों सड़कों पर ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी कर जाम लगा दिया। किसान सड़क के बीचों बीच धरने पर बैठ गए। सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन गुस्साए किसानों ने वाहनों का आवागमन बंद कर दिया।
वाहनों का आवागन बंद होने से जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर रूट डायवर्जन कर दिया। दिल्ली से मुरादाबाद की ओर जाने वाले वाहनों को निजामपुर से होते हुए मेरठ रोड से, गढ़ की ओर से आने वाले वाहनों को कुचेसर चौपला से। बुलंदशहर की ओर जाने वाले वाहनों को ब्रजनाथपुर शुगर मिल की ओर से निकाला गया। इसके अलावा सुविधा के अनुसार पुलिस ने अन्य वैकल्पिक मार्गो से भी वाहनों को निकाला। एंबुलेंस को किसानों ने स्वयं रास्ता देकर आने-जाने दिया। इसके अलावा जबरन धरना स्थल से निकलने वाले वाहन चालकों व किसानों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई।
एसडीएम सत्यप्रकाश, एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, प्रशिक्षु सीओ रूपाली राय, सीओ लाइन अशोक कुमार शुक्ल ने किसानों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपनी मांगों पर अड़े रहे। भाकियू के राष्ट्रीय सचिव सतवीर सिंह, मंडल प्रवक्ता दिनेश खेड़ा, धनवीर शास्त्री ने कहा सरकार को इस विधेयक को वापस लेना होगा। जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे। तीन बजे हाईकमान से आदेश मिलने के बाद धरना समाप्त हुआ। जिसके बाद किसान घरों को लौट गए।
------ पैदल चलने को मजबूर हुए लोग
- चक्का जाम के कारण जाम में फंसे कई यात्री पैदल ही अपने गंतव्य की ओर जाने लगे। बूढ़े-बुजुर्ग, महिलाएं-व बच्चों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। किसी के सिर पर सामान का बोझ था तो किसी ने गोद में अपने बच्चे को उठाया हुआ था। परेशानियों के बीच लोग घर पहुंचने की जद्दोजहद में जुटे थे।
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जाम जोखिम में डालते दिखे लोग
- सड़क पर किसानों का धरना देखकर दोपहिया वाहन चालक जान हथेली पर रखकर डिवाडर फांदकर निकलते दिखे। ऐसे में लोग हादसे का शिकार हो सकते थे। पुलिस मौके पर तैनात थी, लेकिन किसी ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई करना उचित नहीं समझा।