Move to Jagran APP

शहर में बढ़ने लगा वायु प्रदूषण का स्तर

जागरण संवाददाता हापुड़कोरोना काल में बेहद खतरनाक माने जाना वाला वायु प्रदूषण आने वाल

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 08:40 PM (IST)Updated: Sat, 03 Oct 2020 04:59 AM (IST)
शहर में बढ़ने लगा वायु प्रदूषण का स्तर
शहर में बढ़ने लगा वायु प्रदूषण का स्तर

जागरण संवाददाता, हापुड़:

loksabha election banner

कोरोना काल में बेहद खतरनाक माने जाना वाला वायु प्रदूषण आने वाले दिनों में बढ़ने के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। अक्टूबर माह की शुरुआत में ही शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआइ)150 अंकों के आसपास दर्ज किया जा रहा है, जो खराब स्थिति की ओर बढ़ रहा है। पिछले तीन वर्षो से अक्टूबर माह के शुरुआत में एक्यूआइ 150-200 के बीच रहता है। यदि जिले के लोग अभी नहीं चेते तो इस महामारी के दौर में बेहद गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

पिछले कई वर्षो से अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी माह में बढ़ते वायु प्रदूषण के इतिहास को दोहराने से रोकने के लिए सरकारी मशीनरी भले ही दम भर रही हो, लेकिन धरातल पर कोई एक्शन दिखाई नहीं दे रहा है। कोरोना महामारी के इस दौर में यदि इतिहास दोहराया गया तो नतीजे गंभीर हो सकते हैं। शहर में वायु प्रदूषण बढ़ेगा इसके लक्षण अभी से दिखाई देने लगे हैं। पिछले तीन वर्ष के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर माह शुरू होते ही वायु प्रदूषण का आंकड़ा बढ़ जाता है। नवंबर और दिसंबर माह में यह आंकड़ा और भयानक स्थिति में पहुंच जाता है। वर्ष 2017 में अक्टूबर माह के शुरुआत में वायु गुणवत्ता सूचकांक 180 से 225 अंकों के बीच रहा। वहीं वर्ष 2018 में अक्टूबर के पहले सप्ताह में एक्यूआइ 190 से 210 अंकों के बीच रहा। इसी प्रकार वर्ष 2019 में एक्यूआइ 180 से 205 अंकों के बीच रहा। यह आंकड़े 500 तक गए। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए तरह-तरह के इंतजाम किए गए, लेकिन चंद अंकों की गिरावट ही आ सकी। लोगों को इस दौरान सांस लेने में दिक्कतें हुईं। इसमें सबसे बड़ा कारण निर्माण कार्य, फैक्ट्रियां, ईंट-भट्ठे और सड़कों पर धुंआ उगलते वाहन हैं। आलम यह है कि पिछले एक सप्ताह से शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक पीली श्रेणी यानी 100 से 150 अंकों के आसपास है। यह हाल जब है कि शहर में तेज हवाएं चल रही हैं। --------- क्या कहते हैं पर्यावरणविद् कोरोना महामारी के इस दौर में संक्रमित व्यक्ति को सबसे अधिक आक्सीजन की आवश्यकता होती है। यदि वायु मंडल में आक्सीजन दूषित मिलेगी तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सरकारी मशीनरी के साथ-साथ लोगों को भी बढ़ते प्रदूषण के खतरे को देखते हुए जागरूक होना पड़ेगा। बूंद-बूंद से ही घड़ा भरेगा। यदि सभी लोग जागरूक होंगे तो छोटे-छोटे उपायों से वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सकता है। कृष्णकांत सिंह, पर्यावरण विद् --------- पिछले एक सप्ताह में शहर का एक्यूआइ दिन एक्यूआइ शुक्रवार 193 बृहस्पतिवार 145 बुधवार 144 मंगलवार 166 सोमवार 187 रविवार 123 शनिवार 166 ---------- 50 पीएम से ज्यादा स्वास्थ्य के लिए खतरा::: प्रदूषण लेवल स्वास्थ्य पर प्रभाव 0-50 कोई दुष्प्रभाव नहीं। 51-100 संवेदनशील लोगों को सांस लेने में हल्की तकलीफ। 101-150 सांस और दिल के मरीजों के लिए खतरनाक। 151-200 मध्यम प्रदूषित, आंखों में जलन, सांस में तकलीफ। 201-300 ज्यादा प्रदूषित, दिल के मरीजों को परेशानी, सांस की बीमारी। 300 अति प्रदूषित, घर से बाहर निकलने पर चेतावनी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.