अमृत योजना पकड़ेगी रफ्तार, 650 करोड़ से होगा विकास
केंद्र सरकार द्वारा संचालित अमृत योजना एक बार फिर शहर में विकास की रफ्तार पकड़ेगी। योजना के तहत करीब 650 करोड़ रुपये पेयजल और बेहतर सीवरेज व्यवस्था के लिए खर्च होंगे। चुनाव आचार संहिता लगने के कारण शासन की ओर से मिलने वाले बजट पर रोक लग गई थी लेकिन अब पालिकाध्यक्ष ने एक बार फिर इस ओर पत्राचार प्रारंभ कर दिया है। हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने और शहर से सीवर की समस्या खत्म करने की इन्होंने ठानी है।
शुभम गोयल, हापुड़: केंद्र सरकार द्वारा संचालित अमृत योजना एक बार फिर शहर में विकास की रफ्तार पकड़ेगी। योजना के तहत करीब 650 करोड़ रुपये पेयजल और बेहतर सीवरेज व्यवस्था के लिए खर्च होंगे। चुनाव आचार संहिता लगने के कारण शासन की ओर से मिलने वाले बजट पर रोक लग गई थी लेकिन, अब पालिकाध्यक्ष ने एक बार फिर इस ओर पत्राचार प्रारंभ कर दिया है। हर घर तक शुद्ध पानी पहुंचाने और शहर से सीवर की समस्या खत्म करने की इन्होंने ठानी है।
करीब चार वर्ष पहले केंद्र सरकार द्वारा शहरों में मूलभूत सुविधाओं से लोगों छुटकारा दिलाने के लिए अमृत योजना का प्रारंभ किया गया था। योजना का मुख्य उद्देश्य हर घर तक शुद्ध पानी और सीवर आदि की समस्या को जड़ से खत्म करना है। बता दें कि योजना की शुरूआत से ही बजट की गति लगातार धीमी रही थी। हालांकि, पिछले वर्ष सीवर डालने के लिए करीब 36 करोड़ रुपये का टेंडर जारी कर कार्य शुरू करा दिया गया है। पालिकाध्यक्ष का मानना है कि सीवर लाइन डालने के साथ ही पानी की पाइप लाइन डालने के लिए भी बजट मिल जाए। जिससे कि सड़क को बार-बार ना खोदना पड़े और ना ही लोगों को परेशानी हो।
बता दें कि शहर में शुद्ध पानी के लिए पालिका लगातार प्रयास भी कर रही है लेकिन, कई इलाके ऐसे हैं। जहां पानी की पाइप लाइप नहीं है। वहीं, हैंडपंपों की भी कमी है। लोग भी सबमर्सिबल लगाकर तेजी से पानी का दोहन कर रहे हैं। जो भविष्य में परेशानी खड़ी करेगी। वर्तमान में शहर की आबादी करीब तीन लाख है। दिए जा चुके हैं हजारों पानी के कनेक्शन -
अमृत योजना के तहत जल निगम को करोड़ों रुपये की धनराशि दी गई थी। इस राशि से नगर में करीब 25 हजार पानी के नए कनेक्शन दिए गए थे। बावजूद इसके कुछ अन्य लोग अभी नए कनेक्शन की मांग कर रहे हैं। जिसे जल निगम से पूरा करने का प्रयास पालिका द्वारा कराया जा रहा है। - दर्जन भर मोहल्लों में आज भी नहीं पेयजल लाइन -
नगर में ईदगाह रोड, नई आबादी, मजीदपुरा रोड, मिशन स्कूल के पीछे, सोटावली, दस्तोई रोड, न्यू भीमनगर, कृष्णा विहार सहित आधा दर्जन मोहल्लों में पानी की पाइप लाइन तक नहीं है। शहर के बहारी इलाकों में बसी नई आबादी में यह समस्या है। पाइप लाइन नहीं होने के कारण लोगों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है। हालांकि, इन मोहल्लों में लगे हैंडपंप जरूर कुछ राहत दे रहे हैं। इन मोहल्लों में अमृत योजना के तहत पाइप लाइन डाली जानी थी, लेकिन बजट नहीं मिलने के कारण ऐसा नहीं हो पाया। - प्रथम चरण में 42 किलोमीटर की पाइप लाइन -
जोन-1 के प्रथम चरण में 42.724 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन डाली जा रही है। प्रथम चरण में लगभग 4500 कनेक्शनों को सुविधा लोगों को दी जा रही है। शुद्ध पेयजल के लिए यह होंगे काम -
- जल निगम द्वारा 11 नई ट्यूबवेल का निर्माण।
- जल निगम द्वारा 10 पानी की नई टंकी का निर्माण।
- अमृत योजना के तहत करीब 13 किलोमीटर की पाइप लाइन डालने का कार्य।
- वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य।
- पाइप लाइन लीक होने की समस्या को खत्म करने का प्रयास होगा।
- कई मोहल्लों में जर्जर हो चुकी पुरानी पाइप लाइन को बदला जाएगा।
- जिन मोहल्लों में हैंडपंप नहीं लगे हैं, वहां हैंडपंप लगाए जाएंगे।
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यह है सीवर लाइन डालने की योजना -
- पूरे शहर में 481.7 करोड़ से डाली जानी है सीवर लाइन
- छह-जोन में शहर को बांटा गया है
- प्रथम चरण में जोन-1 में काम शुरू हुआ
- प्रथम चरण में एक दर्जन से अधिक मोहल्लों की स्थिति सुधरेगी क्या कहते हैं पालिकाध्यक्ष -
अमृत योजना का कार्य तेजी से चले और बजट भी योजना के अनुरुप लगातार मिलते रहे इसके लिए पत्राचार कर रहे हैं। शहरवासियों तक यह योजना शुद्ध पेयजल पहुंचाने के साथ ही और सीवर की समस्या भी खत्म होगी। पानी की पाइप लाइन भी हर घर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
- प्रफुल्ल सारस्वत, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद हापुड़