उड़ गए गरीब के होश.. जब एक बल्ब और पंखे का बिल आया 57 लाख
यूं तो अक्सर ऊजर निगम के द्वारा किए गए कारनामों की सूची कुछ छोटी नहीं है। लेकिन अब एक और कारनामा ऊजर निगम ने कर दिखाया है। इस बारऊजर निगम ने धौलाना के गांव बझैडा कलां निवासी बीपीएल सूची में शामिल एक गरीब मजदूर को महज तीन का बिल 57 लाख से अधिक रुपयों का थमा दिया। जिससे वह हैरान परेशान है। अब वह इस बिल
संवाद सहयोगी, धौलाना :
घर में लगे एक बल्ब और पंखे का तीन माह का बिल करीब 57 लाख रुपये देखकर गरीब के होश उड़ गए। अब वह ऊर्जा निगम के कार्यालय के चक्कर काट रहा है, लेकिन पीड़ित का बिल ठीक नहीं हो सका है। जिसके कारण वह परेशान और चितित है।
हापुड़ के गांव चमरी के बाद अब धौलाना क्षेत्र के गांव बझैड़ा कलां में ऊर्जा निगम की बड़ी लापरवाही सामने आई है। गांव निवासी रहीस पुत्र हनीफ का परिवार बीपीएल सूची में शामिल है। पीड़ित के अनुसार वह मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता है। पीड़ित ने बताया कि उसने बीपीएल सूची के तहत ही विद्युत कनेक्शन लिया था। कनेक्शन मिलने के बाद घर में बिजली की आपूर्ति मिलने लगी। जिससे परिवार के लोग बेहद खुश थे। पीड़ित ने मई माह में 2167 रुपये का बिल जमा किया था, लेकिन इस बार उसके घर पर तीन माह का करीब 57 लाख 77 हजार 9 सौ 54 रुपये का गलत बिल पहुंचा।
बिल कितने का है, पहले तो गरीब को यह तक समझ नहीं आया। उसने दूसरे लोगों से बिल के बारे में पूछा तो किसी ने उसे बिल की जानकारी दी। इतना सुनते ही पीड़ित के होश उड़ गए और वह ऊर्जा निगम के कार्यालय पहुंचा। पीड़ित को तीन दिन पूर्व यह बिल भेजा गया था। जिसके बाद से वह लगातार अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनने को तैयार नहीं है।
इस संबंध में मुख्य अभियंता आरपीएस तोमर का कहना है कि उन्होंने क्षेत्र के अधिकारियों से तत्काल समस्या का समाधान कर उन्हें अवगत कराने के निर्देश दिए है। साथ ही अधिशासी अभियंता को मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई के आदेश भी दिए हैं। वहीं, उपखंड अधिकारी अश्विनी बेदी का कहना है कि मीटर रीडर की गलती के कारण बिल गलत पहुंचा है। बुधवार को बिल ठीक करा दिया जाएगा।
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एक गरीब को भेजा था 128 करोड़ का बिल -
बता दें कि हापुड़ के गांव चमरी निवासी गरीब शमीम को भी कुछ माह पहले करीब 128 करोड़ रुपये का बिल गलती से भेज दिया गया था। यहां तक कि इस बिल पर उसका कनेक्शन भी काट दिया गया था। मामला ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के दरबार तक पहुंचा तो अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में पीड़ित का कनेक्शन जोड़ते हुए बिल को ठीक किया गया था।